बच्चों पर पड़ रहा 'ऑनलाइन स्टडी' का बोझ, प्रेशर दे रहा डिप्रेशन

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 06:35 PM (IST)

कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन चल रहा हैं, जहां कुछ चीजों की तो सरकार द्वारा छूट दी गई है। मगर स्कूल और कॉलेज अभी भी बंद है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई खराब हो इसके लिए स्कूल की तरफ से ऑनलाइन स्टडीज करवाई जा रही हैं। मगर स्कूल के मुकाबले घर पर पढ़ने में बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते बहुत से बच्चे डिप्रेशन यानि तनाव की चपेट में आ रहे हैं। इससे बचने के लिए पेरेंट्स को बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। तो चलिए जानते है किस तरह बच्चों को तनाव से बाहर निकाला जा सकता है। मगर इससे पहले जानते है डिप्रेशन में जाने के कारणों के बारे...

बहुत ज्यादा होमवर्क मिलना

बच्चों का सिलेबस पूरा करने के चक्कर में टीचर्स द्वारा रोजाना बहुत काम दिया जा रहा है। ऐसे में उसे पूरा न कर पाने के कारण बच्चे तनाव में जा रहें हैं। 

नेटवर्क की समस्या

बहुत बार ऑनलाइन क्लासिस के दौरान नेटवर्क की समस्या हो जाने पर काम वहीं रूक जाता है। ऐसे में बच्चों को विषय को समझने में मुश्किलें आती है। 

फोन डाटा की समस्या

सारा काम फोन या लैपटॉप में आने से उसे रिचार्ज करना बेहद जरूरी है। मगर फोन का डाटा खत्म होने उसे दोबारा रिचार्ज करने में अगर समय लग जाएं तो बच्चे का काम पीछे रह जाता है। ऐसे में एक साथ ज्यादा काम को करने में बच्चे को समय लगता है, जिसे पूरा न कर पाने में बच्चे तनाव में आ रहे हैं।

घंटों फोन और लैपटॉप देखना

ऑनलाइन स्टडीज में कई घंटों फोन या लैपटॉप की स्क्रीन देखने से बच्चों की आंखों और दिमाग पर वजन पड़ता है। इसके कारण बहुत से बच्चों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन भी आने लगता है। 

विषय समझने में परेशानी आना

स्कूल में पढ़ने की तुलना में ऑनलाइन पढ़ने से बच्चों को बहुत से विषयों को समझने में मुश्किलें आती है। 

ऑनलॉइन क्लासिस के लिए फोन या लैपटॉप न मिल पाना 

कई वर्किग पेरेंट्स होने के कारण वे बच्चों को फोन नहीं दे पाते हैं। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पीछे रह जाती है। इसके कारण डिप्रेशन का शिकार हो रहें है। 

बच्चों को डिप्रेशन की चपेट में न आने के लिए पेरेंट्स एक अहम भूमिका निभा सकते है। इसके लिए पेरेंट्स को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

- बच्चों की डाइट का रखें ध्यान। उन्हें खाने के लिए सही और पौष्टिक चीजों को दें। 
- पानी के साथ हैल्दी ड्रिंक्स बनाकर उन्हें पिलाएं।
- रोजाना 30 मिनट योगा व एक्सरसाइज करवाएं। 
- समय-समय पर उन्हें आराम करने को कहें। ताकि उनकी आंखें रिलैक्स हो सके। 
- घंटों कमरे में पढ़ने के बाद कुछ समय के लिए बच्चों को खुली हवा में लें जाएं। 
- बच्चों के जागने और सोने का समय तय करें। 
- टी. वी. देखने से रोके नहीं तो इससे आंखों में बुरा असर पड़ सकता है। 
- टाइम निकाल कर बच्चों को खुद भी पढ़ाएं। ताकि उन्हें टीसर्च का पढ़ाया अच्छे से समझ आ सके। 

Content Writer

neetu