जन्माष्टमी पर अपने नन्हे-मुन्ने को दीजिए कान्हा और राधा का रूप, नजर नहीं हटा पाएगा कोई

punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 02:41 PM (IST)

नारी डेस्क: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाई जाती है। इस दिन माखन चोर कान्हा और राधारानी के रूप में बच्चों को सजाने की परंपरा है। अगर आप भी अपने बच्चे को लॉर्ड कृष्ण या राधा के रूप में सजाने की योजना बना रहे है तो हम आपको कुछ आसान, सुंदर और पारंपरिक टिप्स बताने जा रहे हैं। 


लड़के को सजाने के टिप्स

PunjabKesari

धोती और अंगवस्त्र

बच्चे को सुंदर रंग-बिरंगी सिल्क या कॉटन की धोती पहनाएं।उसके ऊपर एक पीला या नारंगी दुपट्टा/अंगवस्त्र पहनाएं – यह पारंपरिक कृष्ण रूप के लिए उपयुक्त है। 

PunjabKesari

मोरपंख मुकुट

कृष्ण के रूप में सजाने के लिए सबसे जरूरी चीज़ है मोरपंख लगा हुआ मुकुट।आप यह बाजार से ले सकते हैं या घर पर भी हल्के गत्ते और मोरपंख से बना सकते हैं।

 

PunjabKesari

फ्लूट (बांसुरी)

एक छोटी सी बांसुरी हाथ में दें या कमर में लगाएं,  यह कान्हा की पहचान है, इसके साथ माला, बाजूबंद, कमरबंद, कुंडल आदि पहनाएं। माथे पर चंदन या तिलक, गालों पर हल्का गुलाल या सिंदूर लगाएं।बच्चों के लिए हल्का और सुरक्षित मेकअप ही करें।

झूला या पालना

अगर छोटा बच्चा है, तो उसे सुंदर पालने में बैठाकर लड्डू गोपाल का रूप दिया जा सकता है। 


लड़कियों को राधा के रूप में सजाने के लिए टिप्स

PunjabKesari
घाघरा-चोली या लहंगा

रंगीन और पारंपरिक घाघरा-चोली पहनाएं। इसमें गोटा-पट्टी या कढ़ाई वाला लहंगा ज्यादा सुंदर लगेगा। सिर पर ओढ़नी ढककर राधा जैसा लुक दें। 

PunjabKesari
गहने

मांग टीका, झुमके, हार, चूड़ियां, बिछुए और पायल – इनसे राधारानी का रूप और भी निखरकर आएगा। मेकअप के लिए काजल, बिंदी, गुलाबी लिप बाम और गालों पर थोड़ा सा गुलाबी टच दें।

PunjabKesari
 हाथ में फूल की टोकरी या मटकी

राधा का रूप और भी सुंदर लगेगा अगर बच्ची के हाथ में फूलों की टोकरी या छोटी मटकी हो। अंत में:बच्चों को तैयार करने के बाद एक छोटी सी फोटोशूट या झांकी भी तैयार करें।उन्हें कृष्ण भजन या नटखट लीलाओं पर आधारित एक्टिंग सिखाकर कार्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। 

जन्माष्टमी पर बच्चों को भगवान कृष्ण या राधा के रूप में सजाना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक संस्कार और सांस्कृतिक जुड़ाव है। ये क्षण न सिर्फ बच्चों के लिए यादगार होते हैं, बल्कि पूरे परिवार को भी आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं।अगर आप चाहें तो मैं एक चेकलिस्ट या गोकुलाष्टमी विशेष स्क्रिप्ट/डायलॉग्स भी 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static