नहीं होगी Premature डिलीवरी, अगर डाइट में लेंगी Omega-3 फैट

punjabkesari.in Sunday, Nov 18, 2018 - 02:53 PM (IST)

प्रेग्नेंसी में डॉक्टर प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम आदि पोषक तत्वों से युक्त आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं। इन चीजों से गर्भ में पल रहे बच्चे का शारीरिक विकास सही तरीके से होता है लेकिन इसके साथ ही उसका दिमागी विकास होना भी बहुत जरूरी है। मस्तिष्क के संपूर्ण विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत महत्‍वपूर्ण अवयव है।    


समयपूर्व प्रसव के जोखिम को घटाता है ओमेगा-3 फैटी एसिड
गर्भावस्था के दौरान शरीर में बहुत सारे शारीरिक बदलाव आते हैं। कई बार कमजोरी या अन्य कारण से कई तरह के जोखिम पैदा होने लगते हैं जो समय से पूर्ण डिलिवली का कारण बनते है। इस खतरे को कम करने के लिए रोजाना के आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने से समय से पहले प्रसव का जोखिम 11 फीसदी कम होता है। 

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गर्भावस्था की सही अवधि 38 से 42 हफ्ते की होती है। अगर समय से पहले बच्चे का जन्म को जाए को उसका शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता। बच्चों में दृष्टि दोष, सीखने और समझने की दिक्कत व सेहत संबंधी और कई दूसरे जोखिमों पैदा होने का खतरा अधिक होता है।

क्यों जरूरी है प्रेगनेंसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड?
प्रेग्नेंसी में महिला की पोषण संबंधी जरूरतों के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के पोषण और विकास का भी ध्‍यान रखना होता है। अगर इस समय किसी पोषक तत्व की कमी रह जाए तो उसका कोई न कोई अंग अविकसित ही रहेगा। यही कारण है कि उसे पोषक तत्वों में ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार खाने की भी सलाह दी जाती है। 

ओमेगा-3 फैटी एसिड के मुख्य स्रोत
अपनी डाइट का खास ख्याल रख कर आप इस तत्व की कमी पूरी कर सकते हैं। इसमें ड्राई फ्रूट्स, सरसों के बीज, सोयाबीन, अंकुरित अनाज, ब्रोकली, साल्मन, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियां, सी-फूड, टोफू, मछली, गाय का दूध, मूंगफली, अंडे आदि का सेवन करें। इसके लिए आप अपनी डायटिशियन और डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। 

ओमेगा- 3 फैटी एसिड से भरपूर आहार 

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Priya verma