दुल्ला भट्टी वाले के बिना अधूरा माना जाता है लोहड़ी का त्योहार, पढ़ें पूरी कहानी

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2024 - 05:08 PM (IST)

मकर संक्राति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है। वैसे तो ये त्योहार पूरे उत्तर भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है लेकिन पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी बहुत ही हर्षोल्लास से मनाई जाती है। इस दिन दुल्ला भट्टी वाले की कहानी भी सुनी जाती है। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो इस साल लोहड़ी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। वैसे तो हर साल लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन तिथि के अनुसार, साल 2024 में लोहड़ी 14 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। ऐसे में इस खास मौके पर आपको बताते हैं कि दुल्ला भट्टी कौन है और लोहड़ी पर उनकी कहानी क्यों सुनाई जाती है...

इसलिए मनाई जाती है लोहड़ी

पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई का त्योहार माना जाता है। पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत की कई जगहों पर इस दिन नई फसल की पूजा होती है। फिर रात के समय लकड़ियों का ढेर लगाकर लोग आग लगाते हैं और इसमें तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली डालते हैं। इस आग की परिक्रमा करते हुए पुरुष भांगड़ा और महिलाएं गिद्दा भी करती हैं। 

इस दिन लोग सुनते हैं दुल्ला भट्टी की कहानी 

लोहड़ी वाले दिन लोग आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की परंपरा है। इस दिन दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने के पीछे एक बेहद दिलचस्प वजह है। ऐसा कहते हैं कि अकबर के शासन के दौरान पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक आदमी था। यह वो समय था जब कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे। तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी। दुल्ला भट्टी अकबर की नजर में तो एक डकैत था लेकिन गरीबों के लिए वह किसी फरिश्ते से कम नहीं था। तभी से दुल्ला भट्टी को एक नायक के रुप में देखा जाता था और हर साल लोहड़ी पर उसकी कहानी सुनाई जाती है। 

न्यूली मैरिड कपल और घर में पहले बच्चे के लिए खास होती है लोहड़ी का त्योहार 

लोहड़ी का पर्व न्यूली मैरिड कपल और परिवार में जन्मे पहले बच्चे के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन घर में आई नई दुल्हन को ससुराल वाले तोहफे देते हैं। घर में जन्मे पहले बच्चे को भी उपहार देकर परिवार में उसका स्वागत किया जाता है। 

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palak