अमिताभ बच्चन ने किया इस बेटी को सलाम, जानिए नुपूर के 'सम्मान' की कहानी
punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 06:30 PM (IST)
'सहानुभूति नहीं चाहिए, सम्मान चाहिए' यह वाक्य सुन कर आज पूरा देश नुपूर पर न केवल गर्व कर रहा है बल्कि उसका सम्मान भी कर रहा है। नुपूर आज देश की हर उस महिला के लिए एक प्रेरणा है जो कि शारीरिक रुप से स्वस्थ न होने पर खुद लाचार महसूस करती हैं। टीवी का फेमस शो ' कौन बनेगा करोड़पति-2019' शुरु हो चुका हैं। इसी सीरियल के आ रहे प्रोमो में अमिताभ बच्चन से 'सहानुभूति नहीं चाहिए, सम्मान चाहिए' बोल कर उन्नाव की 29 साल की नुपूर चौहान ने पूरे देश का दिल जीत लिया है।
प्रोग्राम के दौरान फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट के दौरान जब नुपूर का विजेता के तौर पर नाम लिया गया तो वह रो पड़ी। तब बिग भी ने उनके पास आकर उन्हें शांत करवाया। उसके बाद नुपूर जब थोड़ी सी लड़खड़ाकर उठी तो उसके भाई ने गोद में उठा कर उन्हें हॉट सीट पर बैठा दिया। तब बिग बी द्वारा पूछने पर की वह व्हील चेयर क्यों नही लेती तो उन्होंने कहा कि 'सर, अगर मैं व्हील चेयर पर बैठ गई तो दोबारा खड़ी नहीं हो पाऊंगी। इसलिए मैंने तय किया है कि जब तक जिंदा हूं इस पर नहीं बैठूंगी। फिर चाहे किसी के सहारे से ही क्यों ना चलूं।' चलिए आज हम आपको बताते है नुपूर चौहान के बारे में..
जन्म से ही लकवाग्रस्त
नुपूर चौहान का शरीर जन्म से ही आधा लकवाग्रस्त है, लेकिन उन्होंने कभी भी खुद पर लाचारी हावी नहीं होने दी। उन्होंने अपनी मेहनत के साथ एक कामयाबी का मुकाम हासिल किया हैं। जन्म से ही वह Mixed Cerebral Palsy रोग से ग्रस्त है। इस बीमारी के पीड़ित बच्चे अपनी उम्र के बच्चों से कुछ साल थोड़ी पीछे होते है, उनका कोई भी अंग काम नही करता है लेकिन उनके केस में उनका दिमाग साधारण लोगों की तरह चलता हैं। यह सब डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुआ है। उनका जन्म सिजेरियन ऑपरेशन से हुआ है। ऑपरेशन के दौरान उन्हें औजार लग गया था, जिस कारण जन्म के बाद वह रोई नही। डॉक्टर को लगा वह जीवित नही जिस कारण उन्होंने उन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया। तब उनकी नानी व मासी ने उन्हें कूड़ेदान से दोबारा निकलवा कर थप्पड़ मारा तब जाकर वह रोई। असल में ऑक्सीजन न मिलने के कारण वह रोई नही थी, उसके बाद 12 घंटे तक रोती रही। तब डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन लगा दिए जिस कारण उनकी आज यह हालत हैं।
साधारण से परिवार में हुआ है जन्म
नुपूर का जन्म उन्नाव के बीघापुर तहसील के गांव कपूरपुर में एक साधरण से परिवार में हुआ हैं। इनके पिता राजकुमार सिंह एक किसान है जबकि मां कल्पना एक गृहणी हैं। नूपुर की इस हालात के बारे में घरवालों को छह महीने बाद पता लगा था। इसके बाद उनका इलाज न होने के कारण उन्होंने नुपूर को कानपुर के एक दिव्यांग स्कूल में भेज दिया। नुपूर की प्रतिभा को देखकर शिक्षक ने साधारण स्कूल में पढ़ाने के लिए कहा जिस पर उन्हें कांवेंट स्कूल में दाखिल करवाया गया।
नानी व मौसी ने दी नई जिदंगी
कूड़ेदान से निकाल कर नुपूर को एक नई जिदंगी उसकी मौसी व नानी ने दी हैं। जन्म से ही बीमारी होने के कारण नूपुर को लेकर उसकी मां कानपुर अपने मायके मां पदम सिंह व पिता जगतपाल सिंह के चली गई थी। जिस कारण नुपूर की परवरिश अपने नानके में हुई। इतना ही नही उसका हौंसला उसकी मौसी सुमन, नीलम, रजनी व मामा राजेश ने बढ़ाते हुए हमेशा मुश्किलों से लड़ना सिखाया हैं।
बिग बी ने भी उनकी हिम्मत की तारीफ
सीरियल के दौरान नुपूर की कहानी सुनकर अमिताभ बच्चन भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा आपको इस तरह से कूड़ेदान में डाल देना अपराध है। आपसे क्या कहूं स्तब्ध हूं, आपकी हिम्मत की तारीफ करता हूं। बिग बी खड़े हुए और नुपूर की हौसला अफजाई ताली बजाकर की।
शूटिंग से सामने आई नुपूर की प्रतिभा
'कौन बनेगा करोड़पति' होने पर जब मुंबई से टीम नुपूर के घर शूटिंग करने आई तो तब सब गांव वालों को उसकी प्रतिभा के बारे में पता लगा। इस समय टीवी, यूट्ब हर चैनल पर अमिताभ बच्चन के साथ उनका प्रोमो चल रहा हैं।
Noopor Chauhan inspired and impressed everyone last night. Watch how she fares in the game tonight on #KBC at 9 PM @SrBachchan pic.twitter.com/t9kZ7cnkh2
— Sony TV (@SonyTV) August 23, 2019