थूक या खांसी ही नहीं, बातचीत से भी फैल सकता है Coronavirus

punjabkesari.in Sunday, Jan 24, 2021 - 12:28 PM (IST)

जहां भारत में कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीनेशन किया जा रहा है वहीं शोधकर्ता वायरस से जुड़े नए जोखिमों का खुलासा कर रहे हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में सामने आया कि कोरोना वायरस बीतचीत करते हुए भी फैल सकता है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है कोरोना से जुड़ा यह नया शोध...

1 सेकंड में 2 मी. तक जा सकता है वायरस

अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस के एयर ड्राप्लेट्स बातचीत के जरिए संचरण होकर 1 सेकंड में 2 मीटर दूरी तक जा सकते हैं। छोटी जगहों पर वायरस फैलने का खतरा अधिक है क्योंकि वहां वायरस अधिक दूरी तक जा सकता है।

घर पर भी मास्क पहनना जरूरी

शोधकर्ताओं ने जगह के हिसाब और घर के अंदर मौजूद लोगों की संख्या के आधार पर कोरोना संक्रमण का खतरा पता लगाने के लिए गणितीय मॉडल का इस्तेमाल किया। साथ ही उन्होंने समीक्षा में कहा है कि घर में भी लोगों को मास्क पहनकर रखना चाहिए।

ज्यादा खतरनाक है कोरोना के छोटे एयर ड्रॉपलेट्स

मुंह से निकले छोटे एयर ड्रॉपलेट्स को कफ के बड़े एयर ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। अध्ययन के मुताबिक, हवादार स्थान पर मास्क पहने बिना जब 2 लोग आपस में बात करते हैं तो कोरोना वायरस फैलने का खतरा अधिक रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मास्क पहने बिना जब मुंह से छोटे ड्रॉपलेट्स निकलते हैं वो हवा में मिलाकर पर्याप्त वेंटिलेशन के बिना अधिक दूरी तक फैल सकते हैं। जबकि खांसी करते समय निकले बड़े एयर ड्रॉपलेट्स फर्श पर गिर जाते हैं।

हवा में 30 मिनट तक मौजूद रहते हैं कोरोना के कण

खांसी के बाद हवा में ड्रॉपलेट्स की संख्या 1 से 7 मिनट बाद कम हो जाती है जबकि बोलने से निकले ड्रॉपलेट्स कम से कम 30 मिनट तक हवा में रहते हैं। निष्कर्ष के मुताबिक, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग काफी नहीं है बल्कि इसके लिए मास्क पहनकर रखना और पर्याप्त वेंटिलेशन भी जरूरी है।

ऐसे में कोरोना से बचने के लिए सिर्फ वैक्सिंग पर भरोसा करना ही काफी नहीं बल्कि मास्क पहनना, सोशल डिस्टेसिंग, हाथों को बार-बार धोना जैसे नियमों का पालन भी जरूरी है।

Content Writer

Anjali Rajput