सभी गांठें नहीं होती हैं Breast Cancer, करती हैं इन बीमारियां की ओर इशारा

punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2023 - 02:39 PM (IST)

आजकल ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ रही  हैं। इसके चलते इसको लेकर जागरूकता महिलाओं के बीच बढ़ी है। महिलाओं अकसर खुद घर पर ही अपने ब्रेस्ट में गांठ के लिए चेक करती रहती हैं। ब्रेस्ट में किसी तरीका का परिवर्तन बहुत चिंता का कारण बन सकता है। ये तो समझ में आता है। लेकिन हर बार ब्रेस्ट में परिवर्तन की वजह ब्रेस्ट कैंसर नहीं होती हैं।

ब्रेस्ट में कोई भी लक्षण, जैसे कि ब्रेस्ट में गांठ, निपल से स्राव या ब्रेस्ट में दर्द, आदि की जांच करके इसकी सही वजह एक्सपर्ट ही बता सकते हैं। आपको बता दें ब्रेस्ट के जुड़ी और भी लक्षण होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर की ओर नहीं बल्कि किसी और बीमारी की ओर इशारा करते हैं। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में....

फाइब्रोएडीनोमा

फाइब्रोएडीनोमा ब्रेस्ट का सबसे आम किस्म का ट्यूमर है। ज्यादातर ये 15 से 35 साल की उम्र के लोगों में होते हैं। ब्रेस्ट examination के दौरान में ये अक्सर एक सख्त, गोल, चिकनी और रबड़ जैसी स्तन गांठ के रूप में दिखाई देते हैं। कई फ़ाइब्रोएडीनोमा का समय-समय पर अल्ट्रासाउंड करके इलाज किया जा सकता है। ये भविष्य में स्तन कैंसर के खतरे को नहीं बढ़ाते हैं।

ब्रेस्ट  सिस्ट

कभी-कभी, ब्रेस्ट में सिस्ट विकसित हो सकते हैं। सिस्ट तरल पदार्थ से भरे सेल्स होते हैं। ये breast tissue में गांठों या मैमोग्राम पर पाई जा सकती हैं। वे हमेशा लक्षण पैदा नहीं करते हैं, लेकिन जैसे- जैसे सिस्ट बढ़ते हैं ब्रेस्ट में दर्द और sensitivity पैदा होती हैं। ये  35 से 60 साल की उम्र के बीच आम हैं, और पीरियड्स के साथ उतार-चढ़ाव हो सकता है। वहीं ब्रेस्ट में सिस्ट ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है।

मास्टिटिस

ये ब्रेस्ट tissue में एक तरह की सूजन है जो ब्रेस्ट में दूध नलिकाओं के ब्लॉक होने से या बैक्टीरिया के कारण होती है। यह आमतौर पर ब्रेस्टफीड करवाने  वाली महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन यह उन महिलाओं में भी हो सकता है जो ब्रेस्टफीड  नहीं करवाती हैं। सूजन से ब्रेस्ट में दर्द, सूजन, गर्मी और लालिमा होती है। मास्टिटिस का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं और दर्द निवारक दवाओं से किया जा सकता है।

पैपिलोमा

पेपिलोमा milk duct में एक वृद्धि है और यह निप्पल डिस्चार्ज के रूप में प्रकट हो सकता है। यह निप्पल के पीछे या बगल में एक छोटी गांठ के रूप में भी मौजूद हो सकता है। बायोप्सी यह समझने में मदद कर सकती है कि क्या पेपिलोमा का इलाज करने की जरूरत है या नहीं , क्योंकि कभी-कभी उनमें असामान्य कोशिकाएं हो सकती हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। वहीं इसका इलाज duct के बढ़े हुए आकार पर भी निर्भर करता है, यदि कई गांठें हैं या यदि वे लक्षण पैदा कर रहे हैं। पेपिलोमा को हटाने के लिए सर्जरी भी की जाती है।

असामान्य हाइपरप्लासिया (Atypical hyperplasia)

इसमें ब्रेस्ट की दूध नलिकाओं (milk ducts) में असामान्य कोशिकाओं यानी सेल्स बनते है। बता दें एटिपिकल हाइपरप्लासिया कोई कैंसर नहीं है, लेकिन इससे जरूर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण से, कभी-कभी उस क्षेत्र को सर्जरी से हटा दिया जाता है। अक्सर, एक्सपर्ट्स कैंसर के खतरे को कम करने के लिए उस क्षेत्र को सर्जरी से हटा दिया जाता है। वहीं इसके इलाज के लिए खूब सारी screenings और दवाएं लेने की सलाह दी जाती है।

Content Editor

Charanjeet Kaur