भानु बने दुनिया के पहले "ह्यूमन कैलकुलेटर", चोट लगने के बाद भी तेज चलता है दिमाग

punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2020 - 02:28 PM (IST)

कंप्यूटर से भी तेज दिमाग रखने वाली शकुंतला देवी को भला कौन नहीं जानता। अक्सर अंकों के बारे में सोचती रहनी वाली शकुंतला देवी को उनकी काबलियत के कारण 'ह्यूमन कंप्यूटर' का नाम दिया गया था। मगर अब एक ऐसा शख्स सामने आया है जिसे उसके तेज दिमाग के चलते 'ह्यूमन कैलकुलेटर' नाम दिया गया है। हैदराबाद के रहने वाले 20 वर्षीय नीलकंठ भानु सोते-जागते बस अंकों के बारे में ही सोचते रहते हैं। 

5 साल की उम्र में शुरू किया गणित का सफर

नीलकंठ भानु ने भारत की तरफ से मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और पहला गोल्ड अपने नाम किया। नीलकंठ भानु का कहना है कि गणित दिमाग का एक खेल है। वह लोगों के अंदर से गणित के डर को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने मैथ्स की तुलना स्प्रिंटिंग से की है। मिली जानकारी के मुताबिक नीलकंठ भानू ने 5 साल की उम्र में अपने इस सफर की शुरूआत की थी। 

सिर पर लगी थी गहरी चोट

नीलकंठ बताते हैं कि उस समय उनके साथ एक हादसा हो गया था। इस हादसे में उनके सिर पर काफी चोट लगी थी और वह एक साल तक बिस्तर पर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे पेरेंट्स को ये कहा गया था कि इस चोट का असर मेरे देखने, सुनने और समझने की क्षमता पर पड़ सकता है। जिसके बाद उन्होंने खुद को बिजी रखने के लिए मेंटल मैथ्स कैलकुलेशन का सहारा लिया। गणित की तरफ अपने रुझान के चलते नीलकंठ भानु गणित में डिग्री कर रहे हैं। नीलकंठ बचपन में स्कूल से आने के बाद रोजाना 6 से 7 घंटे तक इसकी प्रेक्टिस किया करते थे। 

तेज संगीत बजाकर करते हैं प्रैक्टिस 

लेकिन अब चैंपियनशिप जीतने और रिकॉर्ड बनाने के बाद वो एक अलग तरह से प्रैक्टिस करते हैं। जिसमें वह हर समय केवल नंबरों के बारे में ही सोचते रहते हैं। वह कहते हैं कि तेज संगीत बजाकर वो प्रैक्टिस करते हैं। इसके साथ ही वह लोगों से बात भी करते हैं और क्रिकेट भी खेलते हैं। इस तरह आपका दिमाग एकसाथ कई चीजों को करने के लिए तैयार हो जाता है। नीलकंठ भानु बताते हैं कि अगर मैं किसी से बात कर रहा हूं तो वह कितनी बार पलकें झपकता है वो गिनता रहता हूं। अबतक नीलकंठ भानु ने चार विश्व रिकॉर्ड और कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

Content Writer

Bhawna sharma