नाभि खिसकने पर घबराएं नहीं, कारण और लक्षण जान ऐसे करें उपचार

punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2017 - 10:13 AM (IST)

नाभि का उपचार : सेहतमंद रहने के लिए शरीर के केंन्द्र बिंदू नाभि का उसकी सही जगहें पर होना बहुत जरूरी है। कई बार नाभि अपनी जगहें से खिसक जाती है, जिसे धरण पड़ना या नाभि खिसकना भी कहते है। इससे पेट में दर्द, गैस, भूख न लगना, टांगों में कंपकपाहट, घबराहट आदि समस्याएं हो सकती है। आज हम आपको नाभि खिसकने के कुछ कारण, लक्षण और उपाय बताएंगे, जिससे आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते है।

नाभि खिसकने के कारण

1. गलत लाइफस्टाइल, भूख न लगना, एक्सरसाइज न करना और पूरी नींद न लेने के कारण धरण पड़ने की समस्या हो सकती है।
2. कोई भारी काम करते समय या खेल-कूद के कारण भी नाभि खिसक सकती है।
3. अचानक एक पैर पर भार पड़ने, सीढ़िया उतरते समय और दाएं बाय झुकने से भी धरण पड़ जाती है।
4. एक बार यह समस्या होने पर इसके बाद यह बार-बार हो सकती है।

नाभि खिसकने के लक्षण

1. पेट में धरण पड़ने से तेज दर्द और दस्त की समस्या हो जाती है।
2. रोगी को पीठ के बल लेटाकर उसकी नाभि को दबाएं। अगर नाभि के नीचे धड़कन महसूस न हो तो वो अपनी जगह पर नहीं है।
3. नाभि खिसकने पर रोगी को अपच और कब्ज की समस्या हो जाती है।

नाभि का खिसकना के उपाय

 सौंफ
10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं। 2-3 दिन इसका सेवन करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

सरसों का तेल
3-4 दिन तर लगातार सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूदें नाभि में डालें। इससे नाभि धीरे-धीरे अपनी जगहें पर आनी शुरू हो जाएगी।

आंवला
सूखें आंवले को पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर नाभि के चारों तरफ बांधकर रोगी को 2 घंटा जमीन पर लेटा दें। दिन में 2 बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

आसन
नाभि को उसकी जगहें पर लाने के लिए आप पेट के आसन भी कर सकते है। इससे धरण जल्दी ठीक हो जाती है।

Content Writer

Anjali Rajput