एशिया की पहली मोटरवुमेन: मुमताज एम. काजी

punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 04:44 PM (IST)

मुंबई के मोटरवुमेन के नाम से प्रसिद्ध मुमताज एम. काजी एशिया की पहली महिला डीजल इंजन चालिका है। मुमताज महिला सशक्तिकरणा की मिसाल हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। राष्ट्रपति की ओर से उन्हें 'नारी शक्ति पुरस्कार' से भी नवाजा गया है।

'ट्रेन के हार्न और स्पीड करते थे आकर्षित'

मुमताज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता वैस्टर्न रेलवे में थे। इस वजह से उन्हें बचपन से ही ट्रेन के हार्न और स्पीड प्रभावित करते थे। यही वजह थी कि उन्होंने 1988 में असिस्टैंट पायलट डीजल के लिए जॉब अप्लाई किया। 1991 में उन्होंने सारे एग्जाम पास किए। इस दौरान वे डी.एम.एल.टी. का कोर्स भी कर रही थीं। जब उन्हें जॉब के लिए बुलाया गया तब उनके पास पैथॉलजी के फील्ड में जाने का भी विकल्प था लेकिन उनकी राह तो कुछ और थी। उन्हें मोटरवुमन बनना था।

तंज के साथ मिला सहयोग

मुमताज बताती हैं कि जब उन्होंने पुरुषों के वर्चस्व वाला ये रास्ता चुना तो कई लोगों ने उन पर तंज भी कसा। लोग कहते थे— ये क्या ट्रेन चलाएगी! लेकिन इन बातों से उनके हौसले नहीं टूटे। कई लोगों ने उनका सहयोग भी किया।

'काम शुरू करने से पहले पढ़ती हूं दुआ'

मुमताज बताती हैं कि ट्रेन चलाना कोई आसान काम नहीं। यह जिम्मेदारी वाला काम है। ट्रेन 3 मिनट से ज्यादा लेट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने जब 2005 में लोकल ट्रेन चलानी शुरू की थी। इसी दौरान एक औरत ने उनकी ट्रेन के नीचे आत्महत्या कर ली थी। औरत की मौत के लिए वह खुद को दोषी समझती थीं, जिसकी वजह से वह कई दिनों तक सो नहीं पाई थीं। इसके बाद रोजाना काम शुरू करने से पहले वे सफर की दुआ जरूर पढ़ती हैं।

वर्षों से चला रही हैं मुंबई की लोकल ट्रेन

मुमताज लगभग 30 साल से मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाली लोकल ट्रेन चला रही हैं। दो बच्चो की मां मुमताज को भारत की ही नहीं बल्कि एशिया की पहली डीजल इंजन मोटरवुमन का गौरव हासिल है। वे डीजल से लेकर इलेक्ट्रिल दोनों इंजन चला रही हैं।  

News Editor

Shiwani Singh