यहां Mud Race लगाने दूर-दूर से आते हैं लोग, दलदली मिट्टी में लगती है दौड़

punjabkesari.in Thursday, May 30, 2019 - 06:42 PM (IST)

दुनिया के कुछ स्थलों पर कीचड़ में दौड़ के दिलचस्प व अनूठे मुकाबले होते हैं। ऐसे ही कुछ मुकाबलों के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर शायद आप भी इन खेल का हिस्सा बनना चाहे। चलिए जानते है कहां और कैसे होते हैं दौड़ के दिलचस्प व अनूठे मुकाबले। 

इसराईल की 'मड रन'

हर साल इसराईल के शहर तेल अवीव में मड रन नामक रेस आयोजित होती है जिसमें कीचड़ और बाधाओं से भरा 10 किलोमीटर लंबा ट्रैक पार करना होता है। उस पर गिरते, लुढ़कते लगभग 6,000 से अधिक लोग हर साल इस रेस में हिस्सा लेते हैं। 

मड रेस के ट्रैक को 3 हिस्सों में बांटा जाता है। हर हिस्से में 18 बाधाएं होती हैं। कहीं तीखी ढलान होती है तो कही कमर तर मटमैला पानी। आयोजिकों की कोशिश रेस को मुश्किल से मुश्किल बनाने की होती है। एक जगह बैरियर के रूप में टायर लगे होते हैं। कुछ लोग कूद कर इन्हें पार करने की कोशिश करते हैं तो कुछ नीचे से घुस कर। पानी में भीगने या फंसने के बावजूद प्रतिभागी शुरू में अकेले भागते हैं लेकिन जल्द ही उन्हें अंदाजा हो जाता है कि एक-दूसरे की मदद के बिना इस रेस को खत्म करना मुश्किल है। ऐसे में बीच रास्ते में टीमें बनने लगती हैं। 

इस तरह की दौड़ जिसमें जूते जितनी देर सूखे रहेंगे या उनमें जितना कम कीचड़ घुसेगा, उसके आगे बढ़ने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। इसी वजह से भारी और फिसलन भरे जूते बार-बार साफ करने पड़ते हैं। दौड़ के अंतिम चरण में पहुंचे प्रतिभागियों को जब अपनी मंजिल नजर आने लगती हैं  तो उनका जोश चेहरे पर झलकने लगता है लेकिन अभी उन्हें आखिरी तलाश पार करना है। 

 

एसैक्स की 'मड रेस'

इंग्लैंड के एसैक्स प्रांत में माल्डन कस्बें में ब्लैकवाटर नदी के तट पर काले रंग के कीचड़ में भी हर साल एक अनूठी दौड़ आयोजित होती है। इस साल हाल ही में हुई इस दौड़ में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। नदी के तट पर दलदली काली मिट्टी बिछी है जिसमें 400 मीटर दूरी को तेजी से पार करना होता है। इसमें प्रतिभागी एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए खूब जोर लगाते है लेकिन गाढ़े कीचड़ को पार करना बेहद थकाने व चुनौती वाला काम होता हैं। 

इस अनूठे मुकाबले की शुरूआत 1973 में हुई थी जब एक आदमी ने तट के करीब बने एक रेस्तरां के मालिक को चुनौती दी कि वह दलदली तट पर बीयर परोसे। उसने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली और करीब 20 लोगों ने तट के कीचड़ पर दौड़ लगाकर बीयर को पाने का प्रयास किया। इसके बाद हर साल तट पर एक दौड़ का आयोजन किया जाने लगा जो जल्द ही खूब मशहूर हो गई। 

इस रेस द्वारा समाजसेवा के लिए चंदा भी जुटाया जाता है। इसमें हिस्सा लेने वाले तरह-तरह के फैंसी कपड़े ही पहनते हैं। 

Content Writer

Sunita Rajput