कभी हुआ करते थे हिंदुस्तान की शान, अाज पाकिस्तान में मौजूद है ये मशहूर किले

punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2017 - 02:46 PM (IST)

पंजाब केसरी (ट्रैवलिंग): कभी हिंदुस्तान को खूबसूरत वादियों, प्राकृतिक हरियाली और कई प्राचीन इमारतों, किलों का देश माना जाता है लेकिन बंटवारे के बाद हिंदुस्तान की कई खूबसूरत इमारतें और किले पाकिस्तान के हिस्से में चले गए। इतना ही नहीं बल्कि इनको आज पाकिस्तान के मशहूर टूरिस्ट प्लेस माना जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे खूबसूरत और मशहूर किलों के बारे में बताएंगे, जो कभी हुआ करते थे पूरे हिंदुस्तान की शान।  

 

1. दरावड़ का क़िला, बहावलपुर

बहावलपुर के डेरा नवाब साहिब से करीब 48 कि.मी दूरी पर दरावड़ नाम का  मशहूर किला बसा है। यह किला चोलिस्तान रेगिस्तान में मीलो दूरी से भी दिखाई पड़ता है। आपको बता दे कि इस किले की दीवारे 30 मीटर ऊंची है। इस किले का निर्माण जैसलमेर के राजपूत राय जज्जा भाटी ने करवाया था। कब्जे से पहले यह रॉयल फैमिली का महल हुआ करता था। 

2. अल्तीत फोर्ट, गिलगित-बल्टिस्तान

करीब 900 साल पुराना यह अल्तीत फोर्ट पाकिस्तान के गिलगित-बल्टिस्तान की हुंजा वैली के करीमाबाद में बसा है। इसे सबसे पुराना मॉन्युमेंट भी कहा जाता है। यह किला धवस्त होने की कगार पर था लेकिन आगा खान ट्रस्ट ने नार्वे और जापान की सहायता से इस को फिर से मशहूर कर दिया। 

3. सादिक गढ़ पैलेस, बहावलपुर

बहावलपुर जिले में मौजूद सादिक गढ़ पैलेस पाकिस्तान के मशहूर किलो में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस किले को 1882 में बहावलपुर के राजा नवाब सादिक मुहम्मद ने बनवाया था। यह किला चारों तरफ से दीवारों और गार्डन से घिरा पड़ा है।  

4. रोहतास फोर्ट, दीना टाउन, झेलम

इस किले का निर्माण राजा शेहशाह सूरी ने 1547 के आसापास ही करवाया था। यह झेलम शहर के दीना टाउन के काफी पास मौजूद है। इस किले की सीढीदार दीवार और लगभग 12 गेट्स लगे है। 
 

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