सऊदी अरब की मॉडर्न राजकुमारी, महिलाओं के हक के लिए उठाई आवाज

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2020 - 05:48 PM (IST)

सऊदी अरब की महिलाओं का जिक्र होते ही लोगों के सामने बुर्का, हिजाब, पर्दे में ढंकी हुई लड़की की तस्वीर सामने आ जाती हैं। मगर, वहां एक ऐसी राजकुमारी भी है, जो लोगों की इस सोच को बदलने की हर संभव कोशिश कर रही है।

यहां हम बात कर रहे हैं, साऊदी अरब की 33 साल की प्रिसेंज अमीरा अल-तवील (Ameera Al-Taweel) की, जो अपनी जिंदगी सादे तरीके से जीना पसंद करती है। वह सऊदी के सबसे अमीर शेख और प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल की एक्स-वाइफ है लेकिन उन्हें उनके कामों से ही जाना जाता है।

ज्यादा दिन नहीं चली शादी

2008 में अमीरा ने खुद से 32 साल बड़े सऊदी प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल से शादी की थी लेकिन उनकी शादी ज्यादा देर टिक नहीं पाई और दोनों आपकी सहमती से अलग हो गए। साल 2013 में दोनों ने एक-दूसरे से तलाक ले लिया। अमीरा करीब 113.4 करोड़ रुपए की मालकिन हैं और एनजीओ चलाती हैं। इसके साथ ही वह तलाल की कंपनी किंगडम होल्डिंग में स्टेकहोल्डर हैं।

साऊदी अरब ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में महिलाओं के लिए तलाक लेना अच्छा नहीं माना जाता उन्हें तरह-तरह के ताने सुनने पड़ते हैं। मगर, अमीरा ने तलाक के बाद लोगों के सामने एक नई मिसाल कायम की है। अमीरा ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि महिलाएं मुझे देखो तो वे अपनी बेटियों को बताएं कि देखो, उसे तलाक मिला और वह अब क्या कर रही है? वह एक स्वतंत्र महिला है। वह अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर रही है।'

शाही परिवार की सबसे मॉडर्न प्रिंसेज

अमीरा को सऊदी के शाही परिवार की सबसे मॉडर्न प्रिंसेज भी कहा जाता है। वह साऊदी अरब की पहली ऐसी महिला है, जिन्होंने हिजाब और अबाया से पहनने से साफ इनकार कर दिया था। 2016 में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था क्योंकि उन्होंने बिना हिजाब पहने हुई अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। शुरू में वो पूरी लॉन्ग ड्रेसेज ही पहनती थीं लेकिन बाद में उन्होंने यूरोपियन स्टाइल कपड़े पहनने भी शुरू कर दिए। हालांकि उनके रिफाइंड मॉडर्न आउटफिट में ट्रेडिशनल टच हमेशा नजर आता है।

महिलाओं के हक के लिए उठाती हैं आवाज

उन्हें महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली महिला के तौर पर जाना जाता है  क्योंकि अमीरा अपनी पॉवर्स को वुमन्स राइट्स के लिए यूज करती हैं। वह अमीरा ही है, जिन्होंने साऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग करने का हक दिलवाया। इससे पहले 2018 में सिर्फ पुरूष की साउदी अरब में ड्राईव कर सकते थे। वह अपनी पॉवर को वुमन राइट्स के लिए यूज करती हैं। 

उन्होंने Tasamy नाम का एक संगठन बनाया हुआ है जो महिलाओं के अधिकारों की बात करता है। अमीरा मानती हैं कि महिलाओं पर घर पर रहने के लिए दवाब नहीं बनाना चाहिए।

70 से ज्यादा देशों का कर चुकीं हैं दौरा

यहीं नहीं, सोशल वर्क के लिए जानी जाने वाली अमीरा ने ब्रिटिश रायल और प्रिंस चार्ल्स की फोर्स भी ज्वाइन की। दुनियाभर में फैली लोगों से जुड़ी परेशानियों को समझने व उनका हल निकालने के लिए वो अब तक 70 से ज्यादा देशों का दौरा कर चुकी हैं।

जरूरतमंदों को मुहैया करवाती हैं फंड व फैसिलिटी

अमीरा ने बताया कि जब उन्होंने सुना की पूरे सऊदी में कुल 800 NGO हैं तो उन्होंने एनजीओ खोलने का मन बनाया। वहीं वो तस्मे सोशल एनीशिएटिव्स सेंटर की चेयरमैन व को-फाउंडर हैं, जो सिर्फ साऊदी अरब ही नहीं बल्कि देश से बाहर जरूरतमंदों को फंड व फैसिलिटी मुहैया करवाती है। इसके अलावा उन्होंने सोमालिया में मदद पहुंचाई और वेस्ट अफ्रीका में शेल्टर भी खोल रखा है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी संस्था के जरिए पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाई। वहीं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज के लिए सेंटर शुरू किया।

Content Writer

Anjali Rajput