Achiever: भारत की 'लेडी सचिन' हैं Mithali Raj, वनडे करियर में कई रिकॉर्ड्स अपने नाम

punjabkesari.in Saturday, Oct 29, 2022 - 11:33 AM (IST)


जैसे ही हम सब क्रिकेट का नाम सुनते है तो दिमाग में सचिन, धोनी और कोहली जैसे नाम आते हैं। लेकिन जहां महिला क्रिकेट की सोचे तो एक ही नाम आता है- मिताली राज। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली ने अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने की उपलब्धि हासिल की है जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी सहारना की। पदमश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित मिताली राज भले ही आज ढेरों उपलब्धियों के लिए जानी जाती हों, लेकिन इतनी उपलब्धियों के पीछे उनके सालों का संघर्ष छिपा है।

मिताली ने पिता से ही क्रिकेट की ट्रेनिंग 

मिताली राज का जन्म 3 दिसंबर 1982 को राजस्थान के जोधपुर शहर में एक तमिल परिवार हुआ था। मिताली राज जैसे -जैसे बड़ी होती गयी, वो भरतनाट्यम और क्रिकेट दोनों में ही सफलता हासिल करती गयी लेकिन उनके पिता धीरज राज भी क्रिकेटर ही थे। अपनी बेटी के क्रिकेट लगन को देखते हुए मिथाली को 10 साल की उम्र से ही ट्रेनिंग देनी शुरु कर दे थी।

17 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए खेला

पिता के आलवा वो कोच संपत कुमार से भी ट्रेनिंग लेती थी। वो लड़को के साथ भी अभ्यास करती थी, जिससे उसका आत्मविश्वास बड़ा और सिर्फ 10 साल की उम्र में उन्हें राज्य के सब जूनियर टूर्नामेंट में चुना गया। वैसे तो परिवार के कई लोग और दाद-दादी भी मिताली के क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे लेकिन माता-पिता ने मिताली के सपने का पुरी तरह सहयोग किया और 17 साल की उम्र में उन्हें भारतीय टीम में खेलने के लिए चुना गया। वहीं 2017 में मिताली ने महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत का नेतृत्व किया था। मिताली के नेतृत्‍व में भारतीय टीम की 84 वनडे मैच जीत चुकी है। उन्‍होंने बेलिंडा क्‍लार्क को पीछे छोड़ा, जिनके नाम पहले यह वर्ल्‍ड रिकॉर्ड (83 जीत) दर्ज था।

उन्हें उस समय एक खिलाड़ी को मिलने वाली आधारभूत सुविधाएं भी नहीं मिलती थीं। यह वह दौर था, जब महिला क्रिकेट बीसीसीआई के अंतर्गत नहीं आता था। मिताली इंडिया के लिए खेल तो रही थीं, पर उन्हें पुरुष क्रिकेट जैसी सुविधा और सम्मान नहीं मिलते थे। उन्हें कई दफा बिना रिजर्वेशन ट्रेन में सफर भी करना पड़ता था।

मिताली राज की बायोपिक में नज़र आ चुकी है तापसी पन्नू

इसी साल 15 जुलाई को 'शाबाश मिठू' नाम की फिल्म आई थी जो की मिताली राज के जीवन पर आधारित है, जिसमें तापसी पन्नू लीड रोल में नज़र आई थीं। 

कभी हारी नहीं मानी मिताली ने

मिताली मानती हैं कि करियर के शुरुआती दिनों के संघर्ष ने उन्हें मानसिक तौर पर काफी मजबूत बनाया। उन्होनें इससे बहुत कुछ सिखा। कई बार जीत मिली तो कई बार हार। वह मानती हैं ऐसे संघर्षों ने उन्हें कठिन समय का सामना करने लायक बनाया है। 8 जून 2022 को संन्यास लेने की घोषणा के बाद आज वो नेशनल भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कोच हैं।

 


 

Content Writer

Vandana