मौनी अमावस्या 2025: 5 डुबकियां लगाकर प्राप्त करें देवी-देवताओं का आशीर्वाद
punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2025 - 03:53 PM (IST)
नारी डेस्क: मौनी अमावस्या का पवित्र पर्व इस बार 29 जनवरी, 2025 (बुधवार) को मनाया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान का एक अहम दिन माना जाता है। खासकर प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम) में लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान और दान से पुण्य प्राप्त होता है, और यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महाकुंभ में 5 डुबकियां लगाने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर 5 डुबकियां लगाने की विधि और प्रत्येक डुबकी का महत्व
पहली डुबकी: सकारात्मक ऊर्जा का संचार
पहली डुबकी के लिए श्रद्धालु को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके स्नान करना चाहिए। इससे पहले गंगा, यमुना, सरस्वती और जल देवता को प्रणाम करना चाहिए। यह डुबकी आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। यह डुबकी जीवन में शुभता और आशीर्वाद लाती है।
दूसरी डुबकी: इष्ट देवता की कृपा
दूसरी डुबकी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके लगानी चाहिए। इस डुबकी को लगाने से कुल देवता और इष्ट देवता की कृपा प्राप्त होती है। यह डुबकी व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद का स्रोत बनती है। इसके माध्यम से आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
तीसरी डुबकी: भगवान शिव और गुरु का आशीर्वाद
तीसरी डुबकी के लिए श्रद्धालु को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके स्नान करना चाहिए। इस डुबकी के माध्यम से भगवान शिव, माता पार्वती, सप्त ऋषि और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह डुबकी मानसिक शक्ति और बौद्धिक उन्नति में मदद करती है। इससे ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में धार्मिक उन्नति भी होती है।
चौथी डुबकी: देवी-देवताओं का आशीर्वाद
चौथी डुबकी को पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके लगाना चाहिए। यह डुबकी किन्नर, यक्ष, गरुड़ और 33 कोटि देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्रदान करती है। इसे लगाने से सभी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। यह डुबकी स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक मानी जाती है।
पांचवीं डुबकी: पूर्वजों की शांति और कल्याण
अंतिम डुबकी के लिए श्रद्धालु को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके स्नान करना चाहिए। यह डुबकी पूर्वजों की आत्मा की शांति और कल्याण के लिए होती है। इस डुबकी के द्वारा आप अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं। यह डुबकी परिवार और संतति के लिए शुभ फलदायी मानी जाती है।
मौनी अमावस्या का पर्व विशेष रूप से पुण्य अर्जन के लिए होता है, और इस दिन संगम में डुबकी लगाने से व्यक्ति के जीवन में अपार आशीर्वाद और समृद्धि का वास होता है। ये पांच डुबकियां न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस दिन विशेष ध्यान रखें कि स्नान करने से पहले पवित्र नदियों को प्रणाम करें और अपनी इच्छाओं के लिए दान करें, ताकि इस दिन का पुण्य फल आपको पूरे वर्ष भर प्राप्त हो।