बड़ों ही नहीं बच्चों के लिए भी बने है कई मानव अधिकार,जानिए क्या है वह

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 12:31 PM (IST)

मानव अधिकार इसके बारे में आपने कई बार सुना होगा। स्कूल में भी इनके बारे में पढ़ाया व जानकारी दी जाती हैं। जिसमें बच्चों को देश की ओर से बनाए गए मानव अधिकारी की जानकारी दी जाती है तो उन्हें आमतौर पर समाज, शिक्षा धर्म इनसे जुड़े अधिकार समझाए जाते है, जबकि उनसे जुड़े अधिकार नही बताए जाते है। 
जी हां,  संयुक्त राष्ट्र ( यूनाइटेड नेशंस ) की ओर से चाइल्ड राइट्स कंवेनशन पर भारत सहित कई देशों ने हस्ताक्षर किए हुए है, जिसके तहत इन देशों में बच्चों के हितों व हकों के लिए अधिकार बनाए गए है। आज पेरेंट्स के साथ बच्चों को भी उनसे जुड़ों अधिकारों के बारे में जानकारी देगें।

ये हैं अधिकार 

- स्वस्थ से जुड़ें

सभी बच्चों के लिए बेहतर व अच्छी मेडिकल सुविधा, अपंगता पर विशेष सुविधा, साफ पानी, पौष्टिक आहार, रहने के लिए साफ वातावरण की सुविधा उपलब्ध करवाना की जिम्मेदारी सरकार की हैं।

- शिक्षा से जुड़ें

14 साल तक बच्चों को प्राथमिक शिक्षा फ्री उपलब्ध होनी चाहिए। 

स्कूल में शारीरिक व मानसिक विकास के लिए कुछ ऐसे नही होना चाहिए जिससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंचे।

राइट टू एजुकेशन एक्ट के  तहत दस्तावेज के न होने के कारण स्कूल में बच्चे के प्रवेश को नही रोका जा सकता हैं। इतना ही नही स्कूल में प्रवेश के नाम पर उनका कोई टेस्ट नही लिया जा सकता हैं। 

प्राइवेट स्कूल के लिए आवश्यक है कि वह दाखिले के समय अपनी सीट का 25 प्रतिशत आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए रखें। 

- समाजिक तौर पर विकास 

एक बच्चे को अपने परिवार की भाषा व तौर तरीके सीखने की पूरी आजादी होती है।

अगर कोई परिवार बच्चे का पालन पोषण नही कर सकता है तो उसके लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है।

बच्चों के शारीरिक शोषण को रोकना व उन्हें खतरनाक ड्रग्स से दूर रखना माता- पिता के साथ सरकार की जिम्मेदारी हैं।

-  कानूनी तौर पर 

बच्चों के विषय में कोई भी अधिकार लेने से पहले बड़ों को उनका भी पक्ष जानना जरुरी हैं।

अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो उनके साथ बुरा व्यवहार नही किया जाना चाहिए।

14 साल से कम उम्र के बच्चे को फैक्ट्री, माइंस में काम नही करवाना चाहिए।

अधिकारों का उल्लघंन होने पर इस तरह लें मदद 

- बच्चों के अधिकारों का अनदेखा होने पर सबसे पहले उसी संगठन जैसे की स्कूल, कोचिंग सेंटर, रेलवे, एयरलाइन, अस्पताल में लिखित रुप से इस बारे मेंं जानकारी दें। 

- अधिकारों का उल्लघंन होने की स्थिति में राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिख कर जानकारी दे सकते है। इससे पहले राज्य के आयोग में भी शिकायत कर सकते हैं। इतना ही नही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी जानकारी दे सकते हैं। 

 

 

Content Writer

khushboo aggarwal