Postive India: कोरोना के चलते 2020 में हुए जो बदलाव उसे रखें साल 2021 में भी जारी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2020 - 05:18 PM (IST)

कोरोना वायरस के चलते जहां लोगों को सेहत, आर्थिक और भावनात्मक नुकसान से गुजरना पड़ा वहीं इसके कारण जिंदगी को करीब से देखने का मौका भी मिला। कोरोना महामारी के कारण लगे 4 महीने के लॉकडाउन ने देश की दूषित आवोहवा को साफ कर दिया। वहीं इसके कारण जीव-जन्तुओं को वातावरण को भी खुलकर सांस लेने का मौका मिला, जिसे हम आए दिन अपने छोटी-छोटी गलतियों से अनजाने में बर्बाद कर रहे हैं।

थमे पहिए तो साफ हुई हवा

लॉकडाउन के कारण आवाजाही में इतनी कमी आ गई थी 90 से अधिक शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बिल्कुल ना के बराबर हो गया। यही नहीं, वातावरण में मौजूद नाइट्रोजन गैस का स्तर भी न्यूनतम हो गया, जो रोजोना हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं। यही नहीं, इसके कारण पृथ्वी को वायुमंडल की पहली परत क्षोभमंडल के ठीक ऊपर मौजूद ओजोन परत भी लॉकडाउन के कारण बिल्कुल साफ हो गई थी। वहीं, वाहनों के शोर नहीं तो ध्वनि प्रदूषण में प्रभावी कमी कर दी है।

पावन नदिया भी हुई स्वच्छ

यही नहीं, प्रदूषण कम होने के कारण लॉकडाउन के कारण पान नदिया गंगा, यमुना, नर्मदा नदी का पानी एकदम साफ हो गया था। लॉकडाउन के दौरान गंगा का पानी ज्यादातर मॉनिटरिंग सेंटरों में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया था।

देशभर हो गया था साफ

लोग घरों में रहने को मजबूर हुए तो देशभर की गंदगी भी साफ हो गई क्योंकि लोग कूड़ेदान का इस्तेमाल करने लगे। वहीं इस दौरान औद्योगिक कचरे की डंपिंग में भी काफी कमी आई है।

छोटे गांव से दिखा पहाड़ों का नजारा और...

प्रदूषण कम होने के कारण सहारनपुर, पंजाब, श्रीनगर, रुड़की से पहाड़ों का खूबसूरत नजारा देखने को मिल। यहां तक कि खाली सड़कें देख बंदर, मोर जैसे जंगलों में रहने वाले जीव भी सड़कों पर आजाद घूमने लगे। इतना ही नहीं, सुमद्र में भी डॉल्फिन, पिंक हंसों के झुंड, मगरमच्छ ने भी खुलकर सांस ली।

परिवार के साथ समय बिताने का मौका

क्योंकि लॉकडाउन के कारण या तो काम बिल्कुल बंद हो गया था या लोग वर्क फ्राम होम कर रहे थे। इसकी वजह से लोग अपने परिवार के कारण करीब आए और लोगों को अपनों के साथ समय बिताने का मौका मिला, जिन्हें हम रोजमर्रा की भागदौड़ में पीछे छोड़ देते हैं।

नशा भी हुआ कम

लॉकडाउन के कारण शराब, तंबाकू और नशीली चीजें बेचने वाली दुकानें बंद हुआ और लोगों को घर बैठना पड़ता है तो उनकी नशे की आदत भी छूट गई। कोरोना के कारण लोगों ने अपनी जिंदगी का मोल समझा। खबरों के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण नशा करने वालों की डर में काफी कमी आई।

जो काम इतने सालों में नहीं हुआ वो 4 महीने के लॉकडाउन ने कर दिखाया लेकिन लगता है कि इससे भी लोगों ने कोई सबक नहीं लिया। लॉकडाउन खुलने के बाद प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ने लगा है और नदिया भी नाले बनने लगे हैं। कोरोना महामारी हम सबके लिए सबक है कि अगर हम अब नहीं रूके तो यह दुनिया हमारे ही हाथों नष्ट हो जाएगी।

. जितना हो सके धुआं रहित वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें। इसकी बजाए साइकिल का यूज करें, जो पर्यावरण के साथ आपकी सेहत को भी सही रखेगी।
. अधिक से अधिक पौधे लगाएं और पर्यावरण को बचाने में अपना सहयोग दें।
. स्टायरोफोम की बजाए मिट्टी के कुल्हड़ों, पत्तलों, धातु या कांच के बर्तनों का यूज करें।
. प्लास्टिक पॉलथीन और अन्य चीजों का भी कम से कम इस्तेमाल करें।

Content Writer

Anjali Rajput