पुरुषों के बीच इकलौती महिला कुली हैं मंजू, ऐसा है उनके जिदंगी का संघर्ष

punjabkesari.in Thursday, Oct 11, 2018 - 01:18 PM (IST)

शायद ही आज कोई ऐसा क्षेत्र हों, जिसमें महिलाओं ने अपनी पहचान न बनाई हो। पुरूषों को पीछे छोड़ते हुए चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए महिलाएं हर काम में आगे बढ़ रही हैं। ऐसा ही कहानी है जयपुर की पहली महिला कुली मंजू यादव की, जिनका जीवन सघर्ष से भरा हुआ था।

 

पति को खोने के बाद शुरू किया कुली का काम
जयपुर की मंजू देवी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करती हैं। उनके तीन बच्चे हैं और पति को खोने के बाद उनकी पूरी जिम्मेदारी मंजू पर आ गई। उनके पति भी कूली थे और परिवार का गुजारा करने के लिए उन्होंने भी यही काम करने की ठानी। घर की चारदीवारी से निकलते हुए मंजू ने अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए कुली का काम शुरू कर दिया।

कई मुश्किलों का करना पड़ा सामना
मंजू देवी ने बताया, 'मेरे पति की मौत को 8 साल बीत गए हैं, इस दौरान हमारे साथ ऐसी परेशानियां आईं कि किसी के सामने नहीं आई होंगी। रहने को घर नहीं, खाने को खाना नहीं, बच्चों को पढ़ाने के लिए फीस नहीं लेकिन फिर मैंने हिम्मत हारी, आखिर लेडीज कौन सा काम नहीं करती, अगर हिम्मत हो तो लेडीज हर काम कर सकती हैं।' मंजू ने बताया, 'शुरू में मैंने बहुत हिम्मत हारी लेकिन फिर बच्चों को तो पालना ही था। मैंने सोच लिया कि अब मैं लेडीज नहीं, बल्कि मर्द हूं।'

शुरुआत में होती थी परेशानी
जब मंजू ने कुली के तौर पर अपना सफर शुरू किया तो उन्हें काफी चुनौतियां का सामना करना पड़ता। उन्होंने बताया कि 'जब मैं वहां जाती थी तो मुझे पता ही नहीं चलता था कि एसी, स्लीपर और फिर जनरल का डिब्बा कौन सा है। उस दौरान लोगों ने मुझे बताया कि जिस पर कांच लगे होते हैं, वो एसी, जिसमें दो गेट होते हैं वह स्लीपर और सबसे आगे का डिब्बा जनरल होता है।' इतना ही नहीं शुरुआत में उन्हें अनाउंसमेंट समझने में भी परेशानी होती थी।

दूसरे कुलियों से मिला सहयोग
मंजू बताती है कि इस सघर्ष में बाकी कुलियों ने उन्हें बहुत सहयोग दिया। स्टेशन पर कोई उन्हें कुली तो कोई बहन मानता था। मंजू का एक बेटा और दो बेटियां है। उन्होंने बताया कि उनका एक बेटी डॉक्टर तो बाकी के दो बच्चे पॉयलट बनना चाहते हैं।

ऐश्वर्या, सानिया, सिंधू के साथ मिला सम्मान
मंजू को अपने क्षेत्र में पहचान बनाने के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। जब सम्मान ग्रहण करते समय उन्होंने अपनी कहानी सुनाई तो हर कोई भावुक हो गया था। उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह राष्ट्रपति भवन जाकर सम्मान ग्रहण करेंगी, वो भी ऐश्वर्या राय, सानिया मिर्जा और पीवी सिंधू जैसी सेलिब्रेटीज के बीच।

Content Writer

Anjali Rajput