ओवेरियन कैंसर की शिकार हुई थीं मनीषा कोइराला, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव

punjabkesari.in Friday, Aug 16, 2019 - 01:26 PM (IST)

बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला आज अपना 49 वां जन्मदिन मना रही हैं। बॉलीवुड के इस सफर के साथ मनीषा ने अपनी पर्सनल लाइफ में भी बहुत संघर्ष किया है। 1991 में सौदागर फिल्म के साथ उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था। 4 बार फिल्मेफेयर अवॉर्ड हासिल कर चुकी मनीषा 2012 में ओवरियन कैंसर का शिकार हुई थी। इस बीमारी से हार न मान कर लगातार 3 सालों तक इससे संघर्ष कर जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्होंने ओवरियन कैंसर से अपने संघर्ष की कहानी पर किताब भी लिखी है। आज हम आपको बताएंगें की क्या होता है ओवरियन कैंसर व क्या है इसके लक्षण। 

संघर्ष कर कैंसर से जीती मनीषा 

2012 में जब मनीषा को ओवरियन कैंसर के बारे में पता चला तो वह 6 महीने तक अमेरिका में ही रही। उसके बाद लगातार 3 साल तक अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के साथ मनीषा ने 2015 में इस कैंसर से जीत हासिल कर ली थी। एक इंटव्यू में मनीषा ने बताया था कि वह इलाज के दौारन एलियन की तरह दिखने लगी  थी, उनके सारे बाल झड़ चुके थे। इन सबके बाद भी उन्होंने खुद पर विश्वास बनाए रखा था कि वह इससे जरुर जीतेंगी। इससे गंभीर बीमारी से लड़ने के बाद मनीषा ने दोबारा संजू फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। 

जानिए ओवेरियन (गर्भाश्य) कैंसर के बारे में

महिलाओं को होने वाले  कैंसर में यह कैंसर 5 वें स्थान पर है। इस जानलेवा कैंसर के चलते हर साल लाखों महिलाओं की मौत हो जाती है। इस कैंसर के बारे में ज्यादातर महिलाओं को तब पता लगता है जब यह पेट व पेल्विस तक पहुंच जाता है। टेरस कैंसर में यूट्रस यानि अंडाशय कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाती हैं। यूट्रस कैंसर होने पर गर्भधारण में समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं ओवरियरन कैंसर में गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगती हैं।

क्या है इसके लक्षण 

- नियमित रुप से पीरियड्स नही आते हैं।
-शरीर पर अनचाहे बाल उगने लगते हैं।
- गर्भधारण के दौरान काफी समस्याएं आती हैं।
- शरीर में मोटापा बढ़ने के साथ पेट में भारीपन व फुलाहुआ महसूस होता हैं।
- पेट दर्द होने के साथ गैस बनना व दस्त की समस्या होती है।
- पेल्विन पेन, कमर दर्द जैसी समस्या होती है। 
- सेक्स के दौरान दर्द होता है।
- बार- बार पेशाब आने के साथ वजन भी कम होने लगता है।

कैंसर के दौरान ध्यान में रखें यह बातें

- समय रहते अगर इसके लक्षणों का पता लग जाए तो 90 फीसदी मामलों पर कंट्रोल किया जा सकता है।
- सर्जरी व कीमोथैरेपी से इसका इलाज संभव है।
- मेनोपॉज के बाद ओवरी की कार्यक्षमता कम हो जाती है साथ ही यूट्रस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- इस दौरान मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, तनाव, एनिमिया की समस्या हो सकती है। 
- 30 साल के बाद मां बनने वाली महिलाओं में इसके होने का खतरा दोगुना होता है।

कैंसर से बचने के तरीके 

अगर आप ऐसे कैंसर से बचे रहना चाहती हैं तो अपने लाइफस्टाइल को हैंलदी रखें। पौष्टिक डाइट खाएं। भरपूर पानी पीएं और अच्छी नींद लें। साथ ही आपकी दिनचर्या में एक्सरसाइज, योग और सैर भी जरूर शामिल होनी चाहिए। अगर पीरियड्स से जुड़ी आपको कोई दिक्कत हो रही हैं तो चेकअप जरूर करवाएं। वहीं अन्य ऐसे लक्षणों को इग्नोर करने की बजाए तुरंत ही कदम उठाएं ताकि ऐसी बीमारी को समय से पहले ही पकड़ लिया जाए। 

 

Content Writer

khushboo aggarwal