पुरुषों की एक गलती से बांझ रह जाती है महिलाएं, जानिए वो वजह?

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 06:07 PM (IST)

मां बनना हर महिला के लिए एक अनोखा पल होता है लेकिन कईं बार कुछ परेशानियों के चलते उन्हें मां बनने का सुख नहीं मिल पाता है। हालांकि रिपोर्टस सही होने के बावजूद भी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। इसका कारण कहीं न कहीं पुरुषों की एक गलती हो सकती है। दरअसल पुरूषों में इनफर्टिलिटी उन प्रमुख कारकों में से एक है। वहीं पुरूषों में स्खलित शुक्राणु (Herring Sperm) कम हो या फिर उसकी गुणवत्ता खराब हो तो महिलाओं को गर्भ धारण करन में समस्याएं आती हैं। 

क्या होता है पुरुष बांझपन? (Male Infertility)

दरअसल किसी पुरूष के पिता न बनने की परिस्थिती को मेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है। अगर हम आसान भाषा में कहें तो पुरूष बांझपन का अर्थ है जब पूरी मात्रा में स्पर्म उत्पन्न नहीं हो पाता है जिसके कारण से पति पत्नी को संतान सुख नहीं मिल पाता।

इतने प्रकार के होते हैं पुरूष बांझपन

पुरूषों को अगर यह समस्या रहती है तो उन्हें बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और सही इलाज भी ढूंढना चाहिए। अब आपको बताते हैं कि पुरूषों में  इनफर्टिलिटी कितने प्रकार की होती है। 

1. स्पर्म की गुणवत्ता का खराब होना
2. स्पर्म का असमान आकार होना
3. स्पर्म कम गिनती में होना

क्या है लक्षण?

पुरूषों में बांझपन होने के कईं लक्षण शरीर में मौजूद होते हैं हालांकि कईं बार यह दिखाई नहीं देते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इसके लक्षण...

1. हारमोन असंतुलन

पुरूष बांझपन का एक कारण कहीं न कहीं हारमोन असंतुलन भी हो सकता है। इसके लिए आपको समय रहते इलाज जरूर करवा लेना चाहिए। 

2. जीवनशैली के कारक

अगर कोई पुरूष शराब पीता है, धूम्रपान करता है या फिर ज्यादा से ज्यादा दवाइयों का सेवन करते हैं तो उनमें भी यह समस्या हो सकती है। 

3. सूंघने की क्षमता कम हो जाना 

सूंघने की शक्ति कम हो जाना भी कहीं न कहीं मेल इनफर्टीलिटी का कारण है। 

अगर आपको भी इस तरह की कोई भी समस्या है तो समय रहते उपचार करवाना बहुत जरूरी है। 

कैसे करें उपचार

पुरूषों की इस एक समस्या की वजह से महिलाएं मां नहीं बन पाती है और समय रहते इसका उपचार भी बेहद जरूरी है। 

1. दवाओं से संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
2. स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए भी दवाएं होती हैं।
3. हार्मोनल असंतुलन हार्मोन को चढ़ाना द्वारा हल किया जाता है।
4. इसके अतिरिक्त, आईसीएसआई, आईयूआई और आईवीएफ जैसी सहायक रिप्रोडक्टेव तकनीक हैं जो गर्भाधान के अवसरों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

हालांकि आज कल बहुत सारी नईं-नईं तरीकें की तकनीक आ गई है लेकिन हर कोई इस तकनीक का फायदा नहीं उठा सकता है क्योंकि इन तकनीकों के तहत बहुत सारा पैसा लग जाता है जो कि हर किसी के पास नहीं होता है। ऐसे में आप घरेलू उपचार भी कर सकते हो। जैसे कि आप अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं, अनार, दालचीनी, खजूर का सेवन कर सकते हैं। योग करें, सही और संतुलन भोजन करें। 

Content Writer

Janvi Bithal