7000 करोड़ का कर्ज, ऊपर से पति की मौत का सदमा...फिर ऐसे बचाया Malavika ने CCD को डूबने से

punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2024 - 02:06 PM (IST)

 'एक कॉफी पर बहुत कुछ हो सकता है'... CCD यानी कैफे कॉफी डे की ये टैग लाइन के पीछे काफी गहरा मतलब है। आज भले ही ये बहुत सक्सेसफुल कॉफी franchise है, पर इस खड़े करने की पीछे भी काफी घटनाएं घटी हैं और एक ने तो अपनी जान ही दे दी। इस कंपनी का सफर काफी उतार- चढ़ाव वाला रहा है। आइए आपको बताते हैं इस कंपनी के बारे में शुरूआत से...

 वीजी सिद्धार्थ ने देश में बढ़ते कॉफी क्रेज को देखकर खोले कैफे

CCD की नींव साल 1996 में वीजी सिद्धार्थ ने रखी। साल 1992 तक वीजी ने 6-7 हजार एकड़ तक फैले कॉफी के बागान खरीद लिए थे। शेयर बाजार से कुछ पैसे कमाए थे, तो कुछ पैसे पिता से लेकर उन्होंने कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की। 11 जुलाई 1996 को उन्होंने बेंगलुरु में Cafe Coffee Day का पहला आउटलेट शुरू किया। उस समय भारतीयों में कॉफी के लेकर दीवानगी बढ़ रही थी, ऐसे में कॉफी के ये कैफे को लोगों का बहुत प्यार मिला और वीजी ने खूब कमाई की।

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बुरे वक्त के सामने वीजी ने टेके घुटने

साल 2000 तक कंपनी को खूब मुनाफा हुआ। लेकिन साल 2015 में उनका बुरा वक्त शुरू हो गया। वीजी ने भी इधर- उधर रियल एस्टेट और लॉजिस्टिक्स जैसे कारोबार में पैसे लगाने शुरू कर दिए। कर्ज के बोझ बढ़ने लगा और परेशानी तब और बढ़ गई जब इनकम टैक्स ने कंपनी पर 700 करोड़ की इनकम टैक्स का आरोप लगाया। साल 2019 तक कंपनी 6547 करोड़ के कर्ज में डूब गई थी। ऐसे हालातों से परेशान होकर वीजी ने साल 2019 में नदी में कूदकर जान दे दी थी।

मालविका ने संभाली कंपनी की जिम्मेदारी

पति का अचानक साथ छुटने से और कंपनी के भारी कर्ज में डूबे होने के बाद भी मालविका ने हार नहीं मानी। लोगों को लगा था की कंपनी बंद हो जाएगी पर मालविका  ने हालातों से लड़ने का फैसला किया। साल 2020 में CCD सीईओ बनने के बाद तो सबसे पहले अपने 25 हजार कर्मचारियों को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया की कंपनी की स्थिति सुधरेगी और उनके भविष्य का भी ख्याल रखा जाएगा। साल 2021 तक उन्होंने 1644 करोड़ का खर्जा चुका दिया था। 

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मालविका ने की कंपनी का कायापलट

मालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.एस कृष्णा की बेटी है। कर्ज को कम करने के साथ उनका फोकस रेवेन्यू बढ़ाने की तरफ भी था। मावलिका हेगड़े ने अमेरिकी कंपनी Blackstone और Shriram Credit company के साथ बिज़नेस एग्रीमेंट किया। उन्होंने कॉस्ट कटिंग के कई तरीके खोजे। महज 2 साल में उन्होंने कंपनी का कर्ज 400 करोड़ से से भी कम कर दिया। आज 165 शहरों में CCD के क़रीब 572 आउटलेट्स हैं। मालविका ने न सिर्फ अपनी सूझ- बूझ से पति की मौत के बाद अपने 2 बच्चों को संभाला, बल्कि कंपनी को वपास से बुलंदियों पर पहुंचाया। उनके इस जजबे से कई महिलाओं को प्रेरणा मिलती है।
 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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