बेटे को बनाना है फेमिनिस्ट, फॉलो करें यह 4 बातें

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 06:13 PM (IST)

बेटों के दिल में लड़कियों के प्रति सम्मान व आदर की भावना को  पैदा करने के लिए घर से ही शुरुआत करनी जरुरी हैं। उऩ्हें फेमिनिस्ट का मतलब समझने के साथ फेमिनिस्ट बनना भी आना चाहिए। हो सकता है कि आपका बेटा इस शब्द का अर्थ समझने के लिए अभी छोटा हो लेकिन वह घर में अभिभावकों, परिवार के सदस्यों के बीच होेने वाले तरीकों को देख कर समझ सकता हैं कि बड़े हो कर महिलाओं व पुरुषों के साथ किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। इन  तरीकों को आप उन्हें फेमिनिस्ट बना सकते हैं। 

खुल कर रोने दें 

जब भी घर पर या बाहर लड़का रोता है तो उसे अकसर कहा जाता है कि लड़कियों की तरह रोना बंद करों। अब इस बात को बोलना बंद करना चाहिए, उन्हें खुल कर अपना दुख, उदासी, निराशा जैसी भावनाओं को स्वीकार कर अभिव्यक्त करना चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि हमें इस बात पर शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी  चाहिए। 

घर के कामों में ले मदद 

अकसर किचन में काम करते हुए हम लड़कों कहते है कि वह बाहर जाएं, लेकिन बेटी को घर का काम करने को कहते है।  अब बेटों को  घर  व किचन के कामों में भी हेल्प करने को कहें। इसके लिए जरुरी है कि मां के साथ साथ पिता भी घर के काम में हाथ बटाएं। किचन में काम करें, घर का समान खरीद कर लाएं ऐसे में बेटे को भी साथ लें जाएं। 


काम के मामले मेेेें न करें भेदभाव 

लड़कियां घर का काम करती है लड़के बाहर खेलती है, ऐसा लेबल लड़के व लड़कों के बीच न लगाएं न ही उनके सामने ऐसी बात करें। बच्चों को किसी भी काम में भेदभाव न करने को कह कर किसी भी तरह के गेम, एक्टिविटी में पार्टीसिपेट करने के लिए कहें। उन्हें लड़के व लड़कियों दोनो से दोस्ती करने को कहें। 



सशक्त महिलाओंकी सुनाएं कहानियां

रात को लड़कों को प्रिंस, हीरों की कहानी सुनाने के साथ साथ अपनी सशक्त महिलाओं की भी कहानियां सुनाएं। उन्हें बताएं की पुुरुषों की तरह महिलाएं भी बहादुर, पुरुषों की तरह हर काम में आगे होती है, इससे उनका महिलाओं के प्रति नजरिया बदलेगा।

Content Writer

Sunita Rajput