मेनोपॉज के दौरान रखें शरीर का कुछ इन तरीकों से ध्यान
punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2019 - 01:26 PM (IST)
हर औरत 40 या 45 साल की होते ही इस बात से खुश होती है कि अब उसे हर महीने के झंझट यानि कि माहवारी से छुटकारा मिल जाएगा। हालांकि मेनोपॉज एक कुदरती प्रक्रिया है, यह कोई रोग नहीं, लेकिन कई महिलाओं के शरीर में हो रहें बदलाव उनके रोज़-मर्रा की ज़िंदगी में समस्याएं खड़ी कर सकते हैं। तो चलिए आज जानते हैं मेनोपॉज के दौरान औरतों के शरीर और स्वभाव में आने वाले बदलावों के बारे में कुछ जरुरी बातें....
मेनोपॉज क्या होता है?
यदि आपको भी 12 महीने से Periods नहीं आ रहे तो समझ लीजिए आप मेनोपॉज के प्रॉब्लम से गुज़र रहें हैं। ज़्यादातर महिलाओं को स्वाभाविक रूप से मेनोपॉज 40 से 45 की उमर के आस-पास होता है। असल में एक उम्र के बाद Ovaries में Ovulation, यानि की अंडे का उत्पादन, बंद हो जाता है। इस कारण से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है। मेनोपॉज के शुरुआती लक्षण कुछ इस तरह से होते हैं... जैसे कि
-अनियमित ढंग से Periods का होना
-अचानक से तेज गर्मी लगना (Hot Flushes)
-नींद में समस्या
-वज़न का बढ़ना
-बालों का झड़ना
-योनि का सूखापन (Vaginal Dryness)
-मनोदशा में बदलाव (Mood Swings)
-त्वचा में परिवर्तन जैसे रूखी त्वचा
मेनोपॉज के बाद स्वास्थ्य की कैसे करें देखभाल ?
संतुलित आहार
ज्यादा से ज्यादा शाकाहारी और फाइबर युक्त चीजों का सेवन मेनोपॉज में बेहद फायदेमंद रहता है। प्रोसैस्ड और पैक्ड चीजों से जितना दूर रहा जाए उतना अच्छा है। रोज एक सेब जरुर खाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। लगभग मेनोपॉज के 2 से 3 साल तक रुटीन में डॉक्टर से चैकअप करवाते रहें।
कैल्शियम युक्त सप्लीमेंटस
मेनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन के कमी की वजह से हड्डियाँ कमज़ोर होने लगती है। इस वजह से शरीर में Osteoporosis होने की संभावना बढ़ जाती है। एसी स्थिति में शरीर को आहार से पर्याप्त रूप से कैल्शियम नहीं मिल पाता। इसके लिए जरुरी है कि आप डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम युक्त सप्लीमेंटस लेने शुरु कर दें।
नियमित व्यायाम
मेनोपॉज के दौरान शारीरिक व्यायाम बेहद जरुरी है। उमर के इस दौर में वजन का बढ़ना लाजमी होता है। अपने वेट को बैलेंस रखने के लिए आपको दिन में 1 घंटा अपने शरीर को जरुर देना है। आप चाहें तो टहलने के लिए जा सकते हैं, या फिर Aerobics शुरु कर सकते हैं, जिससे आप मानसिक और शारीरिक दोनों रुप से तंदरुस्त व खुश रह सकते हैं।
खाने पीने का रखें खास ध्यान
शरीर में आए इस बदलाव के कारण कई बार औरतों के कमजोरी भी महसूस होती है। उसके लिए आप अपने खान-पान को अच्छे से ध्यान रखें। तीनो वक्त खाना खाने के साथ-साथ हैल्दी फ्रूट्स और ग्रीन वेजिटेबल को भी अपने आहार में शामिल करें।
मूड स्विंगज को करें टैकल
अक्सर मेनोपॉज के दौरान औरतों के मूड में बदलाव आता रहता है। कभी गुस्सा तो कभी चिड़चिड़ापन। ऐसे में अपने मूड को ठीक रखने के लिए अच्छी और सेहत से जुड़ी किताबें पढ़ें। जिससे आप सेहत से जुड़ी परेशानियों के प्रति और जागरुक हो पाएंगे।