Mahashivratri 2022: कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि? जानिए शुभ मुहूर्त और पूरी पूजा विधि

punjabkesari.in Wednesday, Feb 23, 2022 - 05:51 PM (IST)

माघ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। दोनों कलैण्डरों में यह चंद्र मास की नामकरण परंपरा है जो भिन्न-भिन्न है। हालाँकि, उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय दोनों, एक ही दिन महा शिवरात्रि मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। यह शिव और शक्ति के अभिसरण का पर्व है, जिसमें महिलाएं भगवान शिव का व्रत व पूजा करती हैं।

महा शिवरात्रि तिथि और शुभ मुहूर्त

महा शिवरात्रि मंगलवार, 1 मार्च, 2022
निशिता काल पूजा का समय - 12:08 AM से 12:58 AM, 02 मार्च

2 मार्च, शिवरात्रि पारण समय - 06:45 AM, 02 मार्च
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय - 06:21 अPM से 09:27 अपराह्न तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय - 09:27 PM से 12:33 AM, 02 मार्च
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय - 12:33 AM से 03:39 AM, 02 मार्च
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का समय - 03:39 AM से 06:45 AM, 02 मार्च
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 01 मार्च, 2022 को AM 03:16
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 01:00 AM 02 मार्च, 2022

क्यों की जाती है चार प्रहर में पूजा?

पुराणों के मुताबिक, शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। सिर्फ देव ही नहीं बल्कि भगवान शिव के विवाह में दानव, गंधर्व, किन्नर, भूत-पिशाच भी शामिल हुए थे इसलिए इसमें चार पहर की पूजा फलदायी मानी जाती है।

शिवरात्रि व्रत विधि

. शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद भक्तों को संकल्प लेना चाहिए और पूरे दिन का उपवास रखने व अगले दिन भोजन करने के लिए संकल्प लेना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि चतुर्दशी तिथि के भीतर शिव पूजा और पारण (पारण) यानी व्रत तोड़ना दोनों करना चाहिए।
. शिवरात्रि के दिन भक्तों को शिव पूजा या मंदिर जाने से पहले शाम को दूसरा स्नान करना चाहिए। हालांकि आजकल भक्त एक समय ही स्नान करते हैं।
. व्रत रखने के बाद शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करें और दिनभर फलाहारी भोजन लें। शाम को पूजा करने के बाद भी फलाहारी भोजन करें। आप चाहे तो घर में माता पार्वती व भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करवाकर भी व्रत कर सकते हैं।
. शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग-धतूरा, बेर, फल, मिठाई, गंगाजल, दूध, घी, शहद, शक्कर अर्पित करें। साथ ही चंदन तिलक लगाकर पूजा करें।
. माता पार्वती को सिंदूर और सुहाग का जोड़ा चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें।

इस बात का रखें ध्यान

इस दिन काले कपड़े ना पहनें। इसकी बजाए भगवान शिव व माता पार्वती के प्रिय रंग लाल, सफेद कपड़े पहनें।

महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप

मान्यता है कि शिवरात्रि पर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकालमृत्यु का भय खत्म होता है। साथ ही यजुर्वेद के अनुसार, इस मंत्र का जाप व्यक्ति रोगमुक्त रखता है और उसे मोक्ष दिलाता है।

Content Writer

Anjali Rajput