ट्यूलिप के फूलों से महकीं घाटी...Valentine मनाने जन्नत ए कश्मीर की वादियों में उतरे प्रेमी जोड़े

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 05:54 PM (IST)

ट्यूलिप के फूलों से महकीं घाटी, डल झील पर थिरकते शिकारे, गुलमर्ग की घाटियों में रूई की तरह गिरती नरम नरम बर्फ - जन्नत ए कश्मीर में इस वेलेंटाइन डे पर हाथों में हाथ डाले प्रेमी युगल वादियों में विचरते हंस और हंसिनी का जोड़ा मालूम हो रहे थे। 


कश्मीर की खूबसूरती के चलते प्रेमी युगलों ने इस वर्ष वेलेंटाइन डे मनाने के लिए इन्हीं वादियों को चुना । इस सर्दी के मौसम में कश्मीर की खूबसूरती से अभिभूत प्रेमी जोड़ों ने प्रेम का जश्न मनाने के लिए उत्तरी कश्मीर में गुलमर्ग और दक्षिण कश्मीर में पहलगाम जैसे रिसॉर्ट्स का रुख किया।


 मध्य प्रदेश के मूल निवासी साकेत शर्मा का कहना है कि  “हम वैलेंटाइन डे को यादगार बनाने के लिए इस खूबसूरत घाटी में आए हैं। मौसम अच्छा है और मैं भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि हम कश्मीर में वेलेंटाइन डे मना पाए।” प्राकृतिक सुंदरता पर अचंभित उनकी पार्टनर ने कहा, “कश्मीर में वैलेंटाइन डे मनाने से ज्यादा खूबसूरत कुछ नहीं हो सकता। हम वास्तव में यहां वेलेंटाइन सप्ताह मनाने की योजना बना रहे हैं।”


 डल झील के किनारे प्रसिद्ध मुगल गार्डन देखने के अलावा, पर्यटकों ने गुलमर्ग और पहलगाम को भी अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया। राजस्थान के जयपुर के एक पर्यटक ने कहा- हम यहां वैलेंटाइन डे मनाने आए हैं। यह हमारे जीवन का सबसे अच्छा दिन है।” उसकी साथी रितु ने कहा कि कश्मीर में यह उसका पहला वैलेंटाइन डे था। वेलेंटाइन डे मनाने आए कई जोड़ों को बर्फ के गोले बनाकर एक-दूसरे पर फेंकने का आनंद लेते देखा जा सकता है। 


जयपुर का प्रेमी युगल हिमांशु और प्रेरणा घाटी में वेलेंटाइन डे मनाने के उत्साह को रोक नहीं पाए। हिमांशु ने कहा- “वैलेंटाइन डे मनाने के लिए कश्मीर से बेहतर कोई जगह नहीं है। यह स्थान वास्तव में धरती पर स्वर्ग है। हमारी सालगिरह आ रही है और यह यात्रा मेरी पत्नी को दिया जाने वाला सबसे अच्छा उपहार है।” गुजरात के अहमदाबाद की तनु चौधरी के लिए कश्मीर का वैलेंटाइन डे दौरा उनके पति राहुल की ओर से एक सरप्राइज गिफ्ट था। उन्होंने कहा, “यह स्वर्ग है। खुद को यहां पाना बेहद खास है।” 


श्रीनगर की डल झील के किनारे जबरवान हिल्स की गोद में ट्यूलिप  गार्डन को तैयार किया गया है। इस बगीचे में कुल 64 वैरायटी के फूल पाए जाते हैं, जिस कारण पूरे गार्डन में केवल ट्यूलिप ही ट्यूलिप नजर आते हैं। इस गार्डन को साल 2007 में शुरू किया गया था, जिससे कश्मीर में फूलों की खेती और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। 


 ऐसे रंग-बिरंगे फूलों की वजह से अब इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर के प्रमुख पर्यटक में से बन गया है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस खूबसूरत गार्डन तक कैसे पहुंचे, तो हम आपको बता दें कि आप यहां तक कैब या टैक्सी किराए पर लेकर बगीचे तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
 

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vasudha