हर बाप की तरह शाहरुख को भी है अपनी बेटी की चिंता, तभी बॉयफ्रेंड के लिए रखीं हैं कुछ शर्तें
punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 03:07 PM (IST)
आज कल की बेटी पिता के लिए कोई बोझ नहीं बल्कि उनकी शान और पहचान का हिस्सा बन रही हैं। तभी तो कहते हैं कि लड़की का सबसे पहला दोस्ता उसका पिता ही होता है। नए ज़माने के पुरुष अब पुरानी चीजों को बदलकर अपनी बेटियों के साथ पर्सनल बॉन्ड बना रहे हैं और उनकी लाडली भी यही चाहती है कि पिता उन पर गर्व महसूस करें। ऐसे ही एक प्यारे से रिश्ते के गवाह हैं एक्टर शाहरुख खान और उनकी बेटी सुहाना । किंग खान की बातों से अंदाजा लगाया जा चुका है कि वह अपनी लाडली के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
आज हम आपको शाहरुख खान का वो किस्सा सुनाने जा रहे हैं जब उनसे सवाल किया गया कि सुहाना के बॉयफ्रेंड में वह क्या खूबियां देखना चाहते हैं। इसका जवाब देते हुए किंग खान ने कहा कि सुहाना को डेट करने से पहले उस शख्स को मेरी 7 सामान्य शर्तें माननी होंगी। सबसे पहली शर्त अच्छी नौकरी करो। दूसरा उस लड़के को यह मानकर चलना होगा कि मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करता।
शाहरुख की तीसरी शर्त है कि उसे लड़के को इस बात को मानकर चलना होगा कि मैं हर जगह मौजूद हूं। चौथा उसे एक वकील रखना होगा। पांचवा सुहाना मेरी प्रिंसेस है और उससे जीतने का सोच भी नहीं सकते। छठी शर्त यह है कि उसे ये पता होना चाहिए कि मुझे दोबारा से जेल जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। शाहरुख की सातवीं और आखिरी शर्त यह है कि वो जैसा मेरी बेटी के साथ करेगा, मैं उसके साथ वैसा ही व्यवहार करूंगा।
सुपरस्टार ने इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा था कि अगर मेरी बेटी किसी को पसंद करेगी तो मैं कुछ नहीं करूंगा। मैं उसे स्वीकार कर लूंगा। हां, मैं उस लड़के को इतनी चेतावनी तो जरूर दूंगा कि सुहाना अपने पिता की प्रिंसेस है, जिसका दिल तोड़ने के बारे में तुम सोचना भी नहीं। इस सब में शाहरुख कहीं भी गलत नहीं हैं क्योंकि हर पिता की ऐसी ख्वाहिश होती है कि उसकी बेटी को कोई ऐसा इंसान मिले, जो उसे सबसे ज्यादा प्यार करें।
इस सब के बीच पिता इस बात से भी डरता है कि वह लड़का उनकी बेटी के साथ कैसा बर्ताव करेगा। साथ ही वो उनकी बेटी के लिए ठीक है भी या नहीं इसके साथ-साथ पिता को ये भी डर लगा रहता है कि कहीं उसकी बेटी का दिल न टूट जाए। जब भी कोई बेटी अपनी निजी संबंधों से परेशान होती है तो पिता उन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और उसे हर समस्या से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं।