सेना में भर्ती होना चाहती थी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जानें लंबे राजनीतिक करियर का बेहतरीन सफर

punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2019 - 04:09 PM (IST)

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक हैं, जिनका भाषण सुन विपक्षी भी कायल हो जाते हैं। सुषमा स्वराज राजनीति क्षेत्र का सबसे जाना माना चेहरा और सशक्त महिलाओं में से एक हैं। सुषमा स्वराज सुप्रीम कोर्ट की पूर्व वकील भी हैं। इतना ही नहीं, वो मोदी सरकार में विदेश मंत्री बनने वाली भारत की पहली महिला हैं लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका सफर का कठिन रहा। चलिए आपको बताते हैं कि सुषमा स्वराज का विदेशी मंत्री बनने तक कैसा रहा सफर।

 

जन्म और शिक्षा

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, साल 1952 में अंबाला में हुआ। उन्होंने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। भाषण और वाद-विवाद में हमेशा आगे रही सुषमा कई प्रतियोगिताओं में भी अपनी प्रतिभा दिखा पुरस्कार जीत चुकीं हैं।

सेना में भर्ती होना चाहती थी सुषमा

सुषमा शुरू से ही आर्मी ज्वॉइन करना चाहती थीं लेकिन उस समय आर्मी में महिलाओं को भर्ती की अनुमति नहीं मिलने के कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाई।

महज 25 साल की उम्र में बनी मंत्री

1977 में पहली बार चुनाव लड़ सुषमा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। तब उनकी उम्र महज 25 साल थी। इसके बाद उन्हें चौधरी देवीलाल की सरकार में कैबिनेट का मंत्री बनाया गया। फिर वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और साल 1999 में उन्होंने लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के बेल्लारी से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। सुषमा दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह देश की विदेश मंत्री हैं।

राजनीति से पहले करती थी वकालत

राजनीति में आने से पहले सुषमा स्वराज का पेशा वकालत था। उन्होंने 1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 13 जुलाई, साल 1975 में स्वराज कौशल से शादी की, जोकि पेशे से वकील हैं।

प्रमुख उपलब्धियां

स्वराज दम्पति की उपलब्धियों के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।

-साल 2008 और 2010 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार मिला था। वह इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद हैं।
-साल 1977 में महज 25 साल की उम्र में वह कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उस वक्त वह सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री थीं।
-1977 में जब वह 25 साल की थीं तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं।
-1979 में, 27 साल की उम्र में, वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं।
-सुषमा स्वराज को राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त है।
-वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।
-वह पहली महिला केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी हैं।
-सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता भी हैं।

Content Writer

Anjali Rajput