Strong woman: शहनाज और मंदिरा से सीखें अपनों को खाेने के बाद कैसे जी जाती है जिंदगी

punjabkesari.in Friday, Dec 31, 2021 - 03:37 PM (IST)

'किसी के आने या जाने से जिंदगी नहीं रुकती बस जीने का अंदाज बदल जाता है'... कुछ लोगाें केलिए अपनों का साथ छूटना जिंदगी खत्म हो जाने जैसा हो जता है। जब एक बेटी पिता को और एक लड़की अपनी प्रेमी को और एक पत्नी अपने पति को खो देती है तो वह धीरे- धीरे अपनी जिंदगी को अंधेरे में धकेल देती है। वह अपनी इच्छाओं को खुद ही मार देती है लेकिन आज के समय में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने दुनिया को बता दिया है कि अपने को खाेने के बाद कैसे जी जाती है जिंदगी। 

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साल 2021 ने शहनाज और मंदिरा से छीन ली खुशियां

साल 2021 कुछ लोगों को ऐसा दर्द दे गया जिसका ईलाज किसी के पास नहीं है। साल के आखिरी दिन आज हम उन दो Strong womans का जिक्र कर रहे हैं जिनकी कहानी सिखाती है कि ज़िंदगी रुकने का नहीं चलते रहने का नाम है।  हम बात कर कर रहे हैं शहनाज और मंदिरा की। जहां एक्टर मंदिरा बेदी ने इस साल अपने पति को खो दिया है तो वहीं सभी की चहेती शहनाज गिल के सबसे प्यारे दोस्त सिद्धार्थ शुक्ला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया 

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राज कौशल की मौत से टूट गई थी मंदिरा

पूरे देश की आंखे उस समय न हो गई थी जब एक्ट्रेस मंदिरा बेदी के पति राज कौशल हमेशा- हमेशा के लिए उनका साथ छोड़कर चले गए थे।  मंदिरा के लिए ये सब एक बुरे ख्वाब की तरह था। पति की अंतिम विदाई में अपने आंसुओं को पोछती, रोती, बिलखती मंदिरा ने  खुद को जैसे-तैसे संभाला। पति की अचानक हुई मौत से  बेदी को गहरा सदमा तो जरुर पहुंचा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 

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मंदिरा ने खुलकर अपने जज्बात को खुलकर  किया बयां 

इस हालत में हमने मंदिरा बेदी की जो छवि देखी उसने हमारे मन में उनके लिए और सम्मान बढ़ा दिया। आज दुख ही इस घड़ी को जितनी गरिमा और सहजता से उन्‍होंने जिया है वो अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर अपने अपने इमोशंस और जज्बात को खुलकर बयां किया था। मंदिरा ने अपने पोस्ट में लिखा था- मेरी एक वर्थ है, मेरी एक क्षमता है, मुझे लोग प्यार करते हैं, मैं मजबूत हूं. फिर से शुरुआत करने का वक्त आ गया है। 

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सिद्धार्थ की मौत से सदमे में चल गई थी शहनाज

सिद्धार्थ की अंतिम विदाई में फफक- फफक कर रोती हुई शहनाज का चेहरा शायद ही कोई भूल पाएगा। सिद्धार्थ के साथ नई जिंदगी  बिताने के सपने सजाई बैठी शहनाज को क्या मालूम था कि एक ही पल में उसका सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। अपने दोस्त का पार्थिव शरीर देखते ही वह सिद्धार्थ-सिद्धार्थ चीखने लगी। उसे इस तरह देखना वाकई बहुत ही दिल दहला देने वाला था। 

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बिखरी जिंदगी में सवारने में जुटी शहनाज

सिद्धार्थ की माैत के बाद शहनाज ना ढंग से खा रही हैं थी ना ही सो रही थी। हालांकि शुक्ला की मां ने इस मुश्किल घड़ी में शहनाज को अकेला नहीं छोड़ा और अपनी बेटी के तरह उसका ख्याल रखा।  शहनाज को इस गम से बाहर आने में समय जरुर लगा लेकिन अब वह अपनी बिखरी जिंदगी में सवारने में जुट गई है।  वैसे तो पंजाब की कैटरीना  हालात से समझौता कर लिया है और वो जिंदगी में आगे बढ़ गईं है लेकिन उनके चेहरे पर अकेलापन साफ नजर आता है। इस सब के बावजूद हम उनकी हिम्मत की तारीफ करते हैं। 


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Content Writer

vasudha

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