क्या शिशुओं को भी स्किनकेयर रूटीन की जरूरत है?

punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 03:53 PM (IST)

नारी डेस्क : बच्चों की देखभाल केवल उनके खानपान या नींद तक सीमित नहीं होती, बल्कि उनकी नाजुक त्वचा की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। नवजात शिशु की त्वचा वयस्कों (Adults) की तुलना में काफी पतली, कोमल और संवेदनशील होती है। यही कारण है कि उनकी त्वचा जल्दी ड्राई हो जाती है, बाहरी प्रदूषण या रासायनिक चीजों से जल्दी प्रभावित होती है और एलर्जी या रैश जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। जानें शिशु की स्किनकेयर रूटीन में क्या शामिल होना चाहिए।

शिशुओं के लिए स्किनकेयर क्यों जरूरी है?

बेबी की त्वचा वयस्कों की तुलना में अधिक पतली और छिद्रदार (porous) होती है और जल्दी नमी खो देती है। शिशु की त्वचा का प्रोटेक्टिव बैरियर पूरी तरह विकसित नहीं होता। इसलिए सफाई और मॉइश्चराइजिंग बच्चे की त्वचा की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। बता दें की कई माता-पिता मान लेते हैं कि बच्चों को किसी खास स्किनकेयर रूटीन की जरूरत नहीं है और केवल पानी से नहलाना पर्याप्त है। लेकिन डॉक्टर्स की सलाह यह है कि शिशु के लिए साफ-सफाई, मॉइश्चराइजिंग और डायपर केयर बहुत जरूरी हैं।

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साफ-सफाई (Cleansing)

शिशु की त्वचा बेहद नाजुक होती है, इसलिए उसकी सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। दिन में एक बार हल्के गुनगुने पानी या माइल्ड बेबी क्लींजर से बच्चे को नहलाना पर्याप्त है। पूरे शरीर की रोजाना सफाई जरूरी नहीं है, लेकिन डायपर एरिया और चेहरे को हमेशा साफ रखना चाहिए। इस तरह सफाई करने से त्वचा में जलन, रैश या संक्रमण का खतरा कम होता है और बच्चे की त्वचा हेल्दी रहती है।

मॉइश्चराइजिंग (Moisturizing)

नहलाने के तुरंत बाद बच्चे की त्वचा पर बेबी लोशन या तेल से हल्की मालिश करें। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है और ड्राईनेस यानी सूखापन की कम होती है। नियमित मॉइश्चराइजिंग से त्वचा मुलायम, हाइड्रेटेड और स्मूथ बनी रहती है। हल्की मालिश करने से न केवल स्किन बेहतर होती है, बल्कि बच्चे को आराम और अच्छी नींद भी मिलती है।

सन प्रोटेक्शन (Sun Protection)

छह महीने से छोटे बच्चों को सीधे धूप में नहीं ले जाना चाहिए। बड़े बच्चों के लिए डॉक्टर की सलाह से बेबी-सेफ सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। धूप से बचाव से बच्चे की त्वचा को सेंसिटिविटी और सन डैमेज से सुरक्षा मिलती है।

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डायपर केयर (Diaper Care)

डायपर को हर 3–4 घंटे में बदलना जरूरी है। डायपर बदलने के बाद स्किन को हल्के बेबी वाइप्स या गुनगुने पानी से साफ करें और उसके बाद डायपर क्रीम लगाएं। इससे डायपर रैश और जलन की समस्या कम होती है और स्किन स्वस्थ रहती है।

मालिश (Massage)

बेबी लोशन या तेल से हल्की मालिश करना केवल स्किन के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चे की मांसपेशियों की मजबूती और आरामदायक नींद के लिए भी फायदेमंद है। दिन या रात में हल्की मालिश बच्चे को आराम और खुशमिजाज महसूस करने में मदद करती है।

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घरेलू नुस्खों में सावधानी

भारत में परंपरागत रूप से बच्चों की सफाई के लिए बेसन, हल्दी, दही या उबटन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि, हर बच्चे की त्वचा इन्हें बर्दाश्त नहीं कर पाती। कुछ शिशुओं में बेसन या हल्दी से त्वचा में सूखापन, ड्राईनेस या रैश भी हो सकता है। इसलिए बहुत छोटे बच्चों पर घरेलू नुस्खे अपनाने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है। इससे बच्चे की त्वचा सुरक्षित रहती है और किसी तरह की एलर्जी या समस्या होने का खतरा कम होता है।


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Content Editor

Monika

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