Karwa Chauth 2024: जानें क्या गर्लफ्रेंड्स अपने प्रेमियों के लिए कर सकती हैं व्रत?
punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 11:21 AM (IST)
नारी डेस्क: करवा चौथ 2024 का व्रत हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-शांति के लिए रखती हैं। यह व्रत भारतीय परंपरा में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि, बदलते समय के साथ अब सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही नहीं, बल्कि अविवाहित लड़कियां भी अपने प्रेमी या होने वाले पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखने लगी हैं। यह एक महत्वपूर्ण सवाल बन जाता है कि क्या गर्लफ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड के लिए यह व्रत रख सकती हैं और यदि हां, तो इसे करने के लिए उन्हें किन नियमों का पालन करना चाहिए? आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़े सभी धार्मिक और परंपरागत नियमों के बारे में।
करवा चौथ का महत्व और व्रत की तिथि
करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए खास होता है क्योंकि यह उनके पति की लंबी आयु, स्वस्थ जीवन और उनके रिश्ते की मजबूती के लिए किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक बिना जल और अन्न के व्रत रखती हैं। इस दिन विशेष रूप से गणेश और शिव जी की पूजा की जाती है और चंद्रमा को देखकर व्रत का समापन किया जाता है।
इस वर्ष, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे से होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर की सुबह 4:16 बजे होगा। इस दिन चंद्रमा का उदय रात 7:54 बजे होगा, और पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से 7:09 बजे तक रहेगा।
क्या गर्लफ्रेंड करवा चौथ का व्रत रख सकती है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अविवाहित लड़कियों या गर्लफ्रेंड्स को अपने बॉयफ्रेंड या होने वाले पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की अनुमति है। यह व्रत न केवल विवाहित महिलाओं के लिए बल्कि अविवाहित युवतियों के लिए भी शुभ माना जाता है, जो अपने भावी जीवनसाथी के लिए यह व्रत रखती हैं। हालांकि, गर्लफ्रेंड्स और कुंवारी कन्याओं के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
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अविवाहित कन्याओं के लिए करवा चौथ व्रत के नियम
सरगी की परंपरा विवाहित महिलाओं को उनकी सास द्वारा सरगी दी जाती है, लेकिन कुंवारी कन्याएं स्वयं सरगी खरीद सकती हैं और सूर्योदय से पहले उसका सेवन कर सकती हैं। व्रत का संकल्प सरगी खाने के बाद साफ-सुथरे नए कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। इस दौरान भगवान गणेश और शिव जी की पूजा करें और व्रत की शुरुआत करें। विवाहित महिलाएं चंद्रमा को देखकर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं चांद की जगह तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। तारों को देखकर वे खुद अपने हाथ से पानी या मिठाई ग्रहण कर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ के धार्मिक और सामाजिक पहलू
करवा चौथ का व्रत भारतीय समाज में एक खास स्थान रखता है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाने वाला माना जाता है। साथ ही, यह व्रत इस बात का प्रतीक है कि दंपति एक-दूसरे के सुख-दुख में बराबर का साथ निभाते हैं। आजकल, सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पति भी अपनी पत्नी की लंबी आयु और खुशहाली के लिए इस व्रत को रख रहे हैं। यह बदलते समाज की एक सकारात्मक तस्वीर पेश करता है, जहां दोनों पार्टनर एक-दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समान रूप से निभाने का प्रयास करते हैं।
करवा चौथ का व्रत
बदलते समय के साथ करवा चौथ के व्रत में भी कई बदलाव आए हैं। पहले यह व्रत सिर्फ सुहागिन महिलाओं तक सीमित था, लेकिन अब यह व्रत अविवाहित लड़कियां भी रखने लगी हैं। इसके साथ ही, कई लड़के भी अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के लिए यह व्रत रखते हैं। यह परंपरा अब केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन चुकी है। आज के युवा भी अपने रिश्तों को मजबूती देने के लिए इस व्रत को अपनाने लगे हैं।
करवा चौथ 2024 में विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाओं के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां अपने भावी जीवनसाथी के लिए यह व्रत रख सकती हैं। धार्मिक नियमों के अनुसार, गर्लफ्रेंड भी अपने बॉयफ्रेंड के लिए यह व्रत रख सकती हैं, लेकिन उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। यह व्रत प्रेम और समर्पण का प्रतीक है और इसके माध्यम से जीवन में सुख-शांति और प्रेम की स्थापना होती है।