Health Update: जानें, किस बर्तन में खाना खाने से शरीर पर होगा कैसा असर?

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2020 - 12:37 PM (IST)

आयुर्वेद में, रसोईघर को अच्छे स्वास्थ्य की पहली सीढ़ी माना जाता है। यहां भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों से लेकर बर्तन तक हैल्थ का कारक है। पुराने समय में लोग भोजन पकाने व खाने के लिए लकड़ी, मिट्टी, तांबे जैसे बर्तनों का इस्तेमाल करते थे लेकिन बदलते समय के साथ इनकी जगह एल्यूमीनियम, स्टीन और लोहे ने ले ली।

चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किस बर्तन में खाने-पीने से आपको क्या-क्या फायदे या नुकसान होते हैं।

तांबे के बर्तन

तांबे के बर्तन में पानी पीना बेहद फायदेमंद होता है लेकिन आप इसे भोजन पका व खा भी सकते हैं। मगर, इसमें खट्टी चीजें खाने से बचे। इससे आपको कब्ज, पेट की दिक्कतें हो सकती हैं।

एल्युमिनियम के बर्तन

इन बर्तनों में खाना बनाने से इसमें एल्युमिनियम की कुछ मात्रा मिल जाती है, जिससे अल्जाइमर, पेट से जुड़ी समस्या, हड्डियों को कमजोर करने आदि की परेशानी का सामना करना पड़ता है।

स्टील के बर्तन

स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल तो हर घर में किया जाता है। बता दें कि स्टील के बर्तन किसी भी चीज के साथ  प्रतिक्रिया नहीं करते। यह शरीर के  लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे कोई नुकसान भी नहीं होता।

लोहे के बर्तन

लोहे के बर्तन में भोजन खाना तो नहीं लेकिन पकाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। यह खट्टे या एसिड वाले फूड्स के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप लोहे के बर्तन में कढ़ी, रसम, सांभर या फिर टमाटर वाली चीजें ना बनाएं। इसके अलावा इसमें ज्यादा दिन पानी भी स्टोर करके ना रखें।

मिट्टी के बर्तन

मिट्टी के बर्तनों में भोजन खाना ही नहीं बल्कि पकाना भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें भोजन पकाने से शरीर को बहुत से पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे आप बीमारियों से बचे रहते हैं। वहीं मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने से यह खाने में मौजूद एसिड के साथ क्रिया करता है और PH को कंट्रोल करता है। यह शरीर में एसिटिक कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है जिससे कैंसर होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।

पीतल के बर्तन

इसमें भोजन पकाना भी सेहत के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, पीतल के बर्तन में खाना खाने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होते। साथ ही इससे शरीर को कई पोषक तत्व भी मिलते हैं।

लड़की के बर्तन

पुराने समय में भोजन पकाने के लिए लोग लकड़ी के बर्तन भी यूज करते थे। अब अगर आप इसमें खाना नहीं बना सकते तो इसे भोजन परोसने के लिए यूज करें। आप चाहें तो विजयसार की लकड़ी में पानी पी सकते हैं। इससे भी आपकी सेहत को काफी फायदे मिलेंगे।

स्टेनलेस स्टील

स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल आज के समय में काफी चलन में है। यह एक मिक्स धातु है जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है। इसमें खाना पकाने या बनाने में सेहत को कोई नुकसान नहीं होता। इन बर्तनों का तापमान बहुल जल्दी बढ़ता है।

नॉन स्ट‍िक

नॉन स्ट‍िक का मतलब है, ना चिपकने वाला। ऐसे बर्तन जिनमें खाना चिपकता नहीं है और पकाने के लिए अधिक तेल या घी की जरूरत भी नहीं होती लेकिन इन बर्तनों को ज्यादा गर्म या खरोंच ना लगाएं, इससे इनमें कई ऐसे केमिकल निकलते हैं जो सेहत को नुक्सान पहुंचाते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput