जानिए आज क्या कर रही है लाखों दिलों पर राज करने वाली वहीदा रहमान

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 10:53 AM (IST)

                    चौदहवीं का चांद हो, या आफताब हो
                    जो भी हो तुम खुदा कि कसम, लाजवाब हो।

मोहम्मद रफी की आवाज में गाया हुआ ये गाना सुनते ही हिंदी सिनेमा की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान का चेहरा दिखाई देता है। वहीदा रहमान 50 और 60 के दशक में अपनी ख़ूबसूरती, अदब, अदा और शानदार अदाकारी के लिए जानी जाती थीं। उस दौर में हर किसी की जुबान पर सिर्फ वहीदा रहमान का नाम होता था। संगीत और नृत्य का शौक रखने वाली वहीदा रहमान का जन्म तमिलनाडु में 3 फरवरी 1938 को हुआ था।

उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली और मलयालम भाषा में कई फिल्में की है। उस समय के ज्यादातर अभिनेता उनके साथ काम करना चाहते थे। वहीदा रहमान का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। कुछ ऐसे ही अनसुने किस्से हैं वहीदा रहमान की जिंदगी के जो शायद ही आप जानते हो...

बनना चाहती थी डाॅक्टर 

वहीदा रहमान को बचपन से ही संगीत और नृत्य में दिलचस्पी थी। वह डाॅक्टर बनना चाहती थी लेकिन फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते वह डाॅक्टरी की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी। जिसके बाद माता-पिता के मार्गदर्शन में उन्होंने भरतनाट्यम नृत्य सीखा। लेकिन पिता के निधन के बाद घर में आर्थिक संकट का पहाड़ टूट पड़ा। जिसके चलते वहीदा रहमान ने मनोरंजन-जगत का रुख किया। 

फिल्मी करियर 

वहीदा रहमान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तेलुगु सिनेमा से की थी। हिंदी फिल्मों में उन्हें पहला ब्रेक फिल्म सीआईडी से मिला। इस फिल्म में उन्होंने नेगेटिव भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उनके साथ गुरु दत्त नजर आये थे। गुरु दत्त और वहीदा ने एकसाथ कई फिल्मों में काम किया जिनमें प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चाँद, साहिब-बीवी और गुलाम शामिल है। कहा जाता है कि फिल्म प्यासा में  गुरुदत्त ने वहीदा रहमान को वेश्या 'गुलाबो' का रोल दिया था। जिसे वहीदा किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहती थी। जिसके बाद गुरु दत्त ने उनको भरोसा दिया किया उनसे कोई भी अंग प्रदर्शन या समाज विरोधी काम नहीं कराया जाएगा। वहीदा ने इस रोल को स्वीकार कर लिया और फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए। देव आनंद के साथ भी वहीदा रहमान की जोड़ी को खूब सराहा गया। दोनों ने हिंदी फिल्म जगत को पांच सुपरहिट फ़िल्में दी थीं। उन फिल्मों में सी.आई.डी., सोलहवां साल, काला बाज़ार, बात एक रात की और गाइड शामिल है।  

पुरस्कार और सम्मान

वहीदा ने अपने फिल्मी करियर के दौरान फिल्म गाइड और नीलकमल के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। उन्हें फिल्म तीसरी कसम के लिए बंगाल फ़िल्मी संघ पुरस्कार, रेशमा और शेरा में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया है। 

अगर वहीदा रहमान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह आखिरी बार साल 2018 में आई फिल्म विश्वरूपम 2 में नजर आई थीं। वहीं अब वह डेजर्ट डॉल्फिन ड्रामा फिल्म में नजर आएंगी, जो इस साल रिलीज होगी। इसके अलावा वहीदा रहमान ने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी की शुरुआत की है। उन्होंने अपनी दुनिया भर में अलग-अलग जगह की गई वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी की प्रदर्शनी लगाई थी। जिसे देखने सिनेमा जगत की कई हस्तियां पहुंची थीं। वहीदा रहमान फोटोग्राफी के साथ स्कूबा डाइविंग में भी बेहद दिलचस्पी रखती हैं।

Content Writer

Vandana