Ganesh Chaturthi: व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं, जानिए पूरा डाइट प्लान

punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 10:01 AM (IST)

10 सितंबर से गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो रहा है। गणेश चतुर्थी सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों में से एक है, जो पूरे देश में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने घर में बप्पा की मूर्ति स्थापना करते हैं और फिर 10 दिन तक उनकी अराधना करने के बाद विसर्जन किया जाता है। गणेश चतुर्थी पर उपवास रखने की भी परंपरा है। कुछ लोग मूर्ति स्थापना के एक दिन निर्जल तो कुछ पूरे 10 दिन फलाहारी व्रत रखते हैं।

वहीं, अगर आप भी गणेश चतुर्थी का व्रत रखते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। व्रत के दौरान बरती गई लापरवाही एसिडिटी, पेट में दर्द, डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, उल्टी या अपच का कारण बन सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं, जिससे आप इन सभी प्रॉब्लम्स से बचे रहें।

निर्जल व्रत

निर्जल उपवास में न केवल भोजन बल्कि पानी भी नहीं पीना होता। शोध का मानें तो कैलोरी सीमित करने से सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है और इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है लेकिन अधिक समय तक निर्जल उपवास करने से डिहाइड्रेशन हो सकता है।

फलाहार व्रत

फलाहार का व्रत करने वाले लोग फल, दूध, साबूदाना खिचड़ी, दही चावल, खीर, तिल के लड्डू, गजक और रेवड़ी चाय, मिठाइयां आदि खा सकते हैं।

फलाहारी व्रत रख रहे हैं तो क्या खाएं और क्या नहीं
ब्रेकफास्ट

सुबह नाश्ते में 1 बाउल पपीता खाएं या मौसंबी, सेब, अनानास, अनार या संतरे का जूस पीएं। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होगी और दिनभर शरीर में एनर्जी भी बनी रहेगी।

दोपहर व डिनर में क्या खाएं

दोपहर के समय फलों, फलों का सलाद, सूखे मेवे, जूस आदि लें। वहीं, रात में जितना हो सके हल्का भोजन करें, ताकि एसिडिटी की समस्या ना हो। डिनर में आप पनीर व सवां के चावल से बनी डिशेज खा सकते हैं।

थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाएं

कुछ लोग फलाहार व्रत रखने के बाद भी सिर्फ एक बार ही खाते हैं, जिससे शुगर लेवल कम हो जाता है और लो बीपी की समस्या हो जाती है। ऐसे में थोड़ी-थोड़ी देर बाद ड्राईफ्रूट्स व भुने हुए मखाने जैसी हल्की-फुल्की चीजें खाते रहें।

साबूदाना

साबूदाना भारत में सबसे लोकप्रिय फास्ट फूड में से एक है। साबूदाना आलू, मूंगफली, मिर्च, जीरा और करी पत्ते के साथ बनाया जाता है। साबूदाना प्रोटीन, डायटरी फाइबर और पोटेशियम का एक बड़ा स्रोत है, जो आंत के स्वास्थ्य, बीपी कंट्रोल और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है।

कुट्टू का आटा

व्रत के दौरान आटे के हलवा, कुट्टू का आटा, सिघाड़े या राजगीरे आटे की रोटी आदि का सेवन करें। इससे ना सिर्फ पेट भरा रहेगा बल्कि पाचन क्रिया भी सही रहेगी। इसके अलावा पानी से भरपूर फलों का अधिक सेवन करें।

कम ऑयली भोजन

व्रत में तली-भूना भोजन जैसे पूड़ी, साबूदाना, आलू, पकौड़ी, तली मूंगफली, चिप्स, अरबी से एसिडिटी हो सकती है। साथ ही ज्यादा चाय-कॉफी पीने से भी परहेज करें। ऑयली चीजों का जितना हो सके कम सेवन करें।

सेंधा नमक खाने से बचे

व्रत में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्रानिक किडनी डिजीज के मरीज है तो सेंधा नमक ना खाएं। दरअसल, इसमें पोटेशियम अधिक होता है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

प्याज-लहसुन से परहेज

गणेश चतुर्थी के उपवास में कटहल, प्याज, लहसुन, तुलसी गाजर और चुकंदर का सेवन ना करें क्योंकि इन्हें वर्जित माना गया है।

डायबिटीज मरीज रखें ध्यान

डायबिटीज से पीड़ित लोगों को गणेश चतुर्थी के व्रत में कम से कम तली हुई चीजों का सेवन करें। थोड़ी-थोड़ी देर में फल, सूखे मेवे और भुने हुए मखाने खाएं। साथ ही समय-समय पर पानी पीएं।

गणेश चतुर्थी के इन 10 दिनों के दौरान सभी लोग मांसाहारी भोजन और शराब से सख्ती से परहेज करते हैं, फिर चाहे आपने व्रत रखा हो या ना रखा हो।

Content Writer

Anjali Rajput