क्या आप भी अचानक नींद से उठकर हिल नहीं पाते? जानिए क्यों होता है ऐसा

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 01:47 PM (IST)

क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि आप सोते हुए अचानक जाग जाए और अपने शरीर को हिला न पाएं। अगर ऐसा है तो आप स्लीप पैरालिसिस यानि निद्रा लकवा के शिकार हैं। स्लीप पैरालिसिस की स्थिति आपको बुरे सपनों का अहसास करवाती है। ऐसी स्थिति में आपको महसूस होता है कि आपकी छाती को किसी ने जकड़ रखा है। इस स्थिति को नाइट हैग भी कहा जाता है।

क्या है स्लीप पैरालिसिस?
स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी अवस्था है जब कोई नींद से उठता है और देखता है कि उसका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है। ऐसे में वह अपने शरीर के किसी भी अंग को हिला-डुला नहीं पाता। ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जो नार्कोलेप्सी या निद्रा रोग से ग्रस्त होते हैं। नींद से संबंधित इस समस्या में सोते या जागते समय मांसपेशियों की निष्क्रियता शामिल है। इसमें अक्सर आपको भ्रम होता है। आर.ई.एम (रैपिड आई मूवमेंट) के दौरान यह शरीर को प्रभावित करता है। यह किसी भी तरह की एच्छिक गतिविधियों को रोककर मांसपेशियों को अपाहिज कर देता है। इसके कारण व्यक्ति जागते हुए भी भयानक सपना देखने लगता है लेकिन हिल नहीं पाता।
 

पैदा होने वाले भ्रम
1999 में तीन शोधकर्ताओं ने स्लीप पैरालिसिस में पैदा होने वाले भ्रमों के बारे में बताया है। जिसमें से पहली किस्म के भ्रम है इन्टुडर हैलुसिनेशन्स। इसमें व्यक्ति को किसी अलौकिक शक्ति की  मौजूदगी का अहसास होता है। इन्टुडर हैलुसिनेशन्स में छाती में दवाब और शरीर में दर्द महसूस होता है। आऊट ऑफ बॉडी हैलुसिनेशन्स में उड़ने जैसा लगता है। अक्सर यह भ्रम एक कांबीनेशन में पैदा होता है।

कैसे आएं इससे बाहर आएं
स्लीप डिस्आर्डर्स यानि स्लीप पैरालिसिस से निपटने का एक ही तरीका है बचाव। जब आप खुद को कहते हैं कि यह कल्पना है और जल्दी खत्म हो जाएगी तो इससे आपको स्लीप पैरालिसिस से बचने से मदद मिलती है। ऐसी अवस्था से बाहर आने के लिए आप अपनी मांसपेशियों को दोबारा हरकत में लाने के लिए हाथों-पैरों की उंगलियों को हिलाने की कोशिश करें।
 

स्लीप पैरालिसिस के कारण
ड्रग्स, एल्कोहल का सेवन और नींद की कमी के चलते आपको यह समस्या लंबे समय तक भी सकती है। इसके अलावा इस बीमारी में एक या दो मिनट तक तो ऐसा ही चलता है। इसके अलावा यह समस्या तनाव, चिंता, अवसाद, नींद का अनियमित समय, अत्यधिक नींद, पीठ पर टिककर सोना, बाइपोलर डिसऑर्डर, पूरी नींद न लेना, लाइफस्टाइल में बदलाव और अनुवांशिक कारण से भी हो सकती है।

क्या करना चाहिए?
डॉक्टर्स इस समस्या से पीड़ित लोगों को किसी से अपनी बात शेयर करने की सलाह देते हैं। किसी बुरे सपने की तरह ऐसी घटना को छोड़ा देना बहुत आसान है लेकिन इस हालात को खुद तक ही रखना खतरनाक हो सकता है। अगर आपको यह समस्या लंबे समय तक रहती हैं तो मैडीकल मदद जरूर लें।
 

इसे करें नियंत्रित
1. वैसे तो स्लीप पैरालिसिस खतरनाक नहीं होती लेकिन लंबे समय तक रहने पर यह नुकसानदायक हो सकती है। इसे नियंत्रित करने के लिए आप आरामदायक और गहरी नींद लें।
 

2. इस बात को हमेशा ध्यान में रखे कि तनाव, डिप्रैशन और स्ट्रेस के चलते स्लीप पैरालिसिस की समस्या हो सकती हैं। इसलिए तनाव और डिप्रैशन से बचने की कोशिश करें और हो सके तो टीवी, लैपटॉप या फोन इस्तेमाल किए बिना सोने की कोशिश करें। इलैक्ट्रॉनिक गैजेट्स इस्तेमाल किए बिना सोने से आपको बढ़िया नींद आती है और आप इस परेशानी से बचे रहते हैं।
 

3. स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए आपको मेडिटेशन करना चाहिए। रोज सुबह किसी खुली जगह पे जाए और ध्यान लगाने की कोशिश करे। शुरू में मेडिटेशन 5-10 मिनट करें और धीरे-धीरे आप 20-30 मिनट के लिए मेडिटेशन करना शुरू करें। रोज मेडिटेशन करने से आप जल्दी ही स्लीप पैरालिसिस से उभर जाएंगे। अगली बार जब आपको ऐसी आकृतिया दिखेंगी या कोई डरावना सपना आएगा तो आप अपने दिमाग पर कंट्रोल करने की कोशिश करें।

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