गंजापन दूर करना हो या डायबिटीज, जोंक थेरेपी करेगी पक्का इलाज

punjabkesari.in Wednesday, Jan 09, 2019 - 11:02 AM (IST)

लीच थेरेपी यानि जोंक चिकित्‍सा को प्राचीन काल से ही इस्‍तेमाल किया जा रहा है। पहले ग्रीक के लोग इस थेरेपी का इस्तेमाल शरीर से खराब खून को निकालने के लिए करते थे लेकिन अब इस थेरेपी द्वारा गंजेपन से लेकर हार्ट डिजीज व डायबिटीज तक का इलाज किया जा रहा है। चलिए आज हम आपको बताते हैं क्या है जोंक थेरेपी और इसके फायदे।

 

क्या है लीच या जोंक थेरेपी?

इस थेरेपी में जोंक को शरीर पर रखकर खून चुसवाया जाता है, जिससे शरीर में से दूषित रक्त बाहर निकल आता है। इस थेरेपी में मरीज पर 15 जोंकों के साथ करीब 45 मिनट इलाज किया जाता है, जो कई बार तीन माह तक चलता है। एक बार में जोंक शरीर से 5 मि.ली. खून चूस लेती है, जिससे दाद-खुजली, घाव (नासूर), नसों का फूलना, कील-मुंहासे, गंजापन, डायबिटीज, और रक्त के थक्के बनना जैसी कई बीमारियां ठीक हो जाती है।

क्यों फायदेमंद है यह थेरेपी?

दरअसल, जोंक लार के जरिए खून में हीरूडीन नामक रसायन छोड़ती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है। साथ ही जोंक शरीर से प्रदूषित खून भी चूस लेता है, जिससे खून शुद्ध हो जाता है। इससे बॉडी में अधिक ऑक्सीजन वाला खून बहने लगता है और शरीर धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगता है।

जोंक थेरेपी के फायदे

वैस्कुलर डिजीज

वैस्कुलर रोग में दिल की रक्त वाहिकाएं और दिमाग की रक्त कोशिकाओं में ऐंठन आ जाती है। जोंक के लार में 100 से ज्यादा बायोएक्टिव तत्व होते हैं, रक्त को गाढ़ा करके रक्त प्रवाह को बेहतर करके वैस्कुलर डिजीज को दूर करने में मदद करती है।

 

डायबिटीज का इलाज

जोंक चिकित्सा मृत कोशिकाों को हटाने का काम भी करती है, जो डायबिटीज रोगी में पाए जाते हैं। इस थेरेपी को जो उत्तक सही से काम नहीं कर रहे उनमें रक्त संचरण में सुधार के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे डायबिटीज रोगी के जख्म जल्दी भरते हैं और इससे शुगर भी कंट्रोल होती है।

कार्डियोवस्कुलर डिजीज

कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज एक गंभीर समस्या है, जो अन्य दिल के रोगों का कारण बनती है। मगर इस जीव में एंटीकोग्यूलेशन एजेंट होते हैं, जोकि दिल से सम्बंधी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं।

 

हाई बीपी का इलाज

जोंक की लार में बीपी कम करने वाला तत्व भी पाया जाता है। शरीर के कुछ भागों पर यह थेरेपी करने से सीधा रक्त धमनियों को फायदा है, जोकि हाई बीपी के पेशेंट के लिए फायदेमंद है।

 

जोड़ों के दर्द का इलाज

जोड़ों में दर्द अधिक उम्र के लोगों में होने वाली सबसे सामान्य परेशानी है। मगर जोंक थेरेपी से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है क्योंकि जोंक की लार में ऐसे तत्व पाएं जाते हैं जो सूजन में राहत देते हैं।

अंगों की सूजन में आराम

यह शरीर के अंदर के अंगों में सूजन के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे हर प्रकार की सूजन जैसे कि पाचन अंगों में सूजन, हेपेटाइटिस और पेन्क्रियाटाइटिस आदि को ठीक किया जा सकता है।

 

थेरेपी के ब्यूटी बेनिफिट्स

डैंड्रफ या फंगल संक्रमण से छुटकारा

जो लोग डैंड्रफ या स्कैल्प फंगल संक्रमण के कारण गंजेपन से जूझ रहे हैं, उनके लिए जोंक थैरेपी एक रामबाण इलाज है। जोंक का लार फंगल संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है।

 

गंजेपन को दूर करना

सिर पर जहां बाल कम है इस स्थान पर जोंक को रखकर खून चुसवाया जाता है। इससे शरीर में पौष्टिकता बढ़ती है और स्कैल्प में खून का संचार भी बेहतर होता है, जिससे बाल उगने लगते हैं। यही नहीं यह थेरेपी बालों को जड़ों से मजबूत भी बनाती है।

त्वचा की देखभाल

फंगल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाले त्वचा रोग को भी इस थेरेपी से ठीक किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस थेरेपी से हर्पीस और एक्जिमा जैसे रोग भी ठीक हो जाती हैं।

 

मुंहासों से राहत

यह थेरेपी ना सिर्फ कील मुंहासों को दूर करती है बल्कि इससे चेहरे पर ग्लो भी आता है। इस ट्रीटमेंट के लिए जोंक को मुंहासे की ऊपरी सतह पर रखा जाता है। 30 से 45 मिनट के अंदर जोंक दूषित खून को पी जाता है और उन जगहों का ब्लड सर्कुलेट होने लगता है। इस थेरेपी से मुंहासे को पूरी तरह ठीक करने के लिए चार हफ्ते लगते हैं।

थेरेपी के नुकसान

अगर सही वातावरण में यह थेरेपी न की जाए तो बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें यह थेरेपी नहीं करवानी चाहिए। वर्ना आपको फायदे की बजाए नुकसान हो सकता है।
जोंक थेरेपी में जरा-सी गलती होने पर घाव भी हो सकता है और जोंक ने जहां पर काटा वो घाव भी भरेगा नहीं।
कभी-कभी जोंक शरीर के उस भाग पर चली जाती है जहां इलाज की जरुरत नहीं होती। इससे खून का नुकसान होता है।
कभी-कभी किसी व्यक्ति को जोंक की लार से एलर्जी भी होती है। अगर ऐसा कुछ होता है तो उसे यह उपचार नुकसान भी पहुंचा सकता है।

Content Writer

Anjali Rajput