Parenting Tips: आपके बच्चों को Failure से सीखने में मदद करेंगे ये टिप्स

punjabkesari.in Thursday, Jun 24, 2021 - 05:24 PM (IST)

उम्र भले कोई भी हो हार-जीत तो लगी रहती है। मगर बच्चे अक्सर असफलता पाकर दुखी हो जाते हैं। असल में, उनमें हार का सामना करने की क्षमता नहीं होती है। ऐसे में कई बच्चे तनाव में आकर आगे किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने से कतराते हैं। इस मुश्किल घड़ी में पेरेंट्स का फर्ज है कि वे उन्हें इस दौरान हौंसला रखना व जीत की ओर बढ़ना सीखाएं। चलिए आज हम आपको इससे जुड़़े कुछ ऐसे टिप्स देते हैं...

हर बार जीत होना जरूरी नहीं 

सबसे पहले अपने बच्चे को समझाएं कि हर बार आपको जीत मिले यह जरूरी है। उन्हें उनकी काबिलियत व कमजोरियों के बारे में बताएं। उन्हें जीत के साथ हार का भी सामना करना सिखाएं। साथ ही उन्हें हार में दुखी होने की जगह पर जीतने के लिए अधिक मेहनत करना सिखाएं। 

हार स्वीकार करना जरूरी 

छोटे बच्चे बेहद ही जिद्दी होते हैं। ऐसे में वे कई बार कोई चीज ना मिलने में रोने या लड़ने लगते हैं। इसके अलावा कई बच्चे तनाव में आ जाते हैं। मगर इसपर पेरेंट्स को अपने बच्चे को हार का सामना करना सिखाना चाहिए। साथ ही उनके हारने का कारण ढूंढकर उन्हें उनकी कमजोरी बताएं। इससे आपके बच्चे जिम्मेदार होंगे और आगे जीत हासिल करने के लिए मेहनत करेंगे।  

हार पर बच्चे को डांटने नहीं बल्कि हौंसला बढ़ाएं

अगर बच्चा किसी प्रतियोगिता में हार भी जाएं तो उसे डांटे ना। असल में, आपके द्वारा डांटने से बच्चा डर सकता है। इसके कारण वे आगे किसी प्रतियोगता में भाग लेने से कतराएगा। इसके विपरित प्यार से बच्चे को समझाएं व हारने पर हौंसला दें।

किसी से तुलना करना गलत 

अक्सर मां-बाप दूसरे बच्चों की तुलना खुद के बच्चे के साथ करते हैं। ऐसे में सबसे पहले पेरेंट्स को अपने इस व्यवहार को बदलना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें बच्चों को भी इस बात का एहसास दिलाना चाहिए कि वे हर काम या विषय में एक्सपर्ट नहीं हो सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपका बच्चे ऑल राउंडर हो। इसके अलावा आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे की दिलचस्पी किस चीज में है। फिर आपको उसपर खूब ध्यान देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आपके बच्चे को डांस या म्यूजिक का शौक है तो आप उन्हें इसकी क्लासिस ज्वाइन करवा सकती है। 

असफलता से ही सफलता का रास्ता दिखाएं

बच्चे के दुखी होने पर उसे समझाएं कि हार सफलता पाने की पहली सीढ़ी पर चढ़ने का रास्ता भी हो सकती है। ऐसे में वे जीत के लिए और भी मेहनत करेंगे। आपका बच्चा चाहे किसी भी उम्र का हो उसके परेशान व दुखी होने पर उसे गले लगाकर प्यार करें। 

जीत के रास्ते पर चलने में मदद करें

कहते हैं मां-बाप का साथ बच्चे को किसी भी परेशानी से निकाल सकता है। वहीं बच्चे को भी पेरेंट्स पर बेहद भरोसा होता है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज है कि वे बच्चे को सफलता के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए आप उनके पढ़ाई, खेलने व खाने-पीने का एक टाइम टेबल सेट कर सकती है। साथ ही किसी विषय में कोई परेशानी आने पर बच्चे के खुद पढ़ाएं। परीक्षा के दिनों में अगर बच्चा रात को देर तक पढ़ता है तो उसके खाने-पीने का ध्यान रखें। इसतरह आप अपने बच्चे को एक सफल व बेहतर इंसान बनाने में उसकी मदद कर सकते हैं।

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neetu