दशहरा स्पेशल: जानिए लंकापति रावण से जुड़े 10 रहस्य

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 04:48 PM (IST)

दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। इस जिन भगवान राम ने रावण का वध कर तीनों लोकों को उसकी कैद से मुक्त किया था। साथ ही राम राज्य की स्थापना की थी। मगर बात हम रावण की करें तो राक्षसों का राजा होने के बावजूद भी वह परम ज्ञानी था। वह एक महान योद्धा, प्रख्यात पंडित होने के साथ वह काफी रहस्यमयी था। तो चलिए आज हम आपको दस सिरों वाले दशानन के जन्म से लेकर मृत्यु से संबंधित 10 रहस्यों के बारे में बताते हैं...

पहला रहस्य

रावण के पिता ब्राह्मण घराने से एक ऋषि थे। मगर उनकी मां एक राक्षस की पुत्री होने के कारण एक राक्षसी थी। ऐसे में रावण राक्षस का हितकारी होने के साथ ज्ञानी थी‌

दूसरा रहस्य

रावण जन्म से ही बहुत डरावना था। कहा जाता है कि रावण के जन्म के बाद इन्हें देखकर इनके पिता डर गए थे।

तीसरा रहस्य

पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण ने अपने सौतेले भाई धन के देवता कुबेर की लंका पर अपना अधिकार स्थापित किया था। साथ ही उनका पुष्पक विमान भी ले लिया था।

चौथा रहस्य

शक्तिशाली होने के नाते रावण ने देवलोक और यमलोक में आक्रमण किया था‌। साथ ही विजय हासिल की। यमराज को हराकर यमलोक में नर्क भोग रही आत्माओं को कैद से छुड़वाया। फिर उन आत्माओं को अपनी सेना में लिया।  ‌ ‌ 

पांचवा रहस्य

रावण परम ज्ञानी था। ऐसे में उसने अपनी विद्या व बल से नवग्रहों पर अधिकार किया हुआ था। साथ ही अपने बड़े बेटे मेघनाद की कुंडली में नवग्रहों को सही बैठने को कहा। मगर  शनि देवता के मना कर रावण ने उन्हें कैद कर लिया था।

छठा रहस्य

रावण के दरबार में सभी देवता कैद थे। साथ ही हाथों को जोड़े खड़े होते थे। मान्यता है कि जब हनुमान जी देवी सीता की खोज में लंका गए थे। तब उन्होंने रावण की कैद से उन्हें आजाद करवाया था।

सातवां रहस्य

रावण की पत्नी मन्दोदरी की भक्ति से वह स्वर्ग से अमृत ले आई थी। फिर वह अमृत रावण की नाभि में स्थापित किया। ऐसे में उसे मोक्ष प्राप्त था। इसी कारण उसका एक सिर कटने के बाद पुनः दूसरा सिर प्रकट हो जाता था।

आठवां रहस्य

माना जाता है कि रावण को रंभा नाम की अप्सरा ने शाप दिया था कि वह किसी स्त्री से जबरदस्ती नहीं कर सकता। ऐसा कुछ करने से उसके सिर के टुकड़े हो मौत के मुंह पहुंच जाएगा।

नवां रहस्य

जहां माता सीता रहती थी वह स्थान अशोक वाटिका कहलाता था। माना जाता है कि वहां पर 1 लाख अशोक के पेड़ थे। साथ ही वह बेहद दिव्य फूलों और फलों से भरी हुई थी। इसी जगह से हनुमान जी ने फल तोड़कर खाएं थे।

दसवां रहस्य

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, रावण के रथ में घोड़ों की जगह गधे लगे हुए थे।
 

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neetu