क्या प्रेग्नेंसी में चना खाना है फायदेमंद? जानिए डाइट में शामिल करने का तरीका

punjabkesari.in Monday, Mar 15, 2021 - 04:12 PM (IST)

गर्भावस्था में हर थोड़े समय में भूख लग जाती है। ऐसे में कुछ अनहैल्दी खाने से मां और बच्चा दोनों के शारीरिक विकास में बांधा आ सकती है। इस अवस्था में महिलओं को अलग-अलग चीजें खाने की क्रेविंग होती है। ऐसे में जरूरी है कि सभी चीजें पोषक तत्व व एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर हो। ऐसे में इस दौरान चने का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। इससे भूख शांत होने के साथ शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है। साथ ही इम्यूनिटी बढ़ने से बीमारियों से बचाव रहता है। तो चलिए जानते हैं प्रेग्‍नेंसी में चने खाने के फायदे...

चने में मौजूद पोषक तत्व

1 कप यानी 164 ग्राम काबुली चने में कैल्शियम 80 मि.ग्राम, फाइबर 12.5 ग्राम, पोटैशियम 477 मि.ग्राम, कैलोरी 269, कार्बोहाइड्रेट 44.97, प्रोटीन 14.53 ग्राम, मैग्नीशियम 79 ग्राम, एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। ऐसे में ये खाने में टेस्टी होने के साथ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। 

गर्भावस्था में काबुली चना खाना फायदेमंद 

गर्भावस्था में महिलाओं को फॉलिक एसिड की जरूरत होती है। इसके अलावा इसमें नॉन वेज जितना प्रोटीन होता है। ऐसे में इसे इस दौरान खाने से भूख शांत होने के साथ सभी पोषक तत्व आसानी से मिल सकते हैं। 

हफ्ते में 2 बार करें सेवन

बात इसके डाइट में शामिल करने की करें तो इसे सप्ताह में 2 बार खाया जा सकता है। 

ऐसे करें चने का सेवन

1. चने उबाल कर चाट बना कर खाएं। 
2. भूने चने का गुड़ के साथ सेवन करें। 
3. आप काबुली चना की टिक्की भी बना कर दही के साथ खा सकते हैं। 
4. इससके अलावा उबले चने को पीस कर उसकी रोटी खाना भी सही रहेगा। 

तो चलिए अब जानते हैं इसके फायदों के बारे में...

- इससे गर्भ में पल रहे नवजात का शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है। इसके अलावा काले या काबुनी चने की तुलना में हरे चने की फलियों में अधिक मात्रा में प्रोटीन व फॉलेट पाया जाता है। 

- शिशु का मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। 

- यह खून में ग्लूकोज की मात्रा को सामान्य रखने में मदद करता है। गर्भावस्था में शुगर लेवल बढ़ने की समस्या से छुटकारा मिलता है। 

- अस्थमा से परेशान महिलाओं को इसके सेवन करने से दोगुना फायदा मिलता है। इससे सांस संबंधी समस्या दूर होने में मदद मिलती है। साथ ही बच्चे को भी अस्थमा होने से बचाव रहता है। 

- इसके सेवन से लंबे समय तक पेट भरा रहता है। ऐसे में भूख शांत रहती है। 

- मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूती मिलती है। दांत व मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं। 

- काले चने खाने से पाचन दुरुस्त रहता है। ऐसे में कब्ज, अपच, एसिडिटी की समस्या से आराम रहता है। 

- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में खून की कमी होना आम बात है। ऐसे में भूने चने को गुड़ के साथ खाने से खून की कमी पूरी होती है। 

- आलस, कमजोरी दूर होकर दिनभर एनर्जेटिक महसूस होता है। 

अधिक मात्रा में ​चना खाने के नुकसान

- इससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

- एसिडिटी व गैस की परेशानी होना।

- अधिक मात्रा में चने खाने से गला सूखने की समस्या हो सकती है। 

- चने का अधिक सेवन करने से खून में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है।

- अपच, उल्टी आने की समस्या हो सकती है। 

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neetu