घर में रहते हैं लड्डू गोपाल तो जान लें 7 जरूर नियम

punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 04:29 PM (IST)

भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरुप हर किसी का मन मोह लेता है। कुछ लोग तो लड्डू गोपाल को घर में परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं और साथ ही उनके भोजन, सोने का आसन, स्नान आदि का ध्यान रखते हैं। वहीं, नि:संतान दंपत्ति बच्चे का सुख पाने के लिए घर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को घर में रखकर उनकी पूजा करते हैं। इसके अलावा लड्डू गोपाल को घर में रखने के बहुत सारे फायदे मिलते हैं लेकिन आपको कुछ जरूरी नियम-कायदे भी पता होने चाहिए। चलिए आपको बताते हैं लड्डू गोपाल को घर में रखने नियम कायदे और फायदे

लड्डू गोपाल को घर में रखने के नियम

रोज करवाएं स्नान

जिस तरह आप रोज स्‍नान करते हैं, उसी तरह  लड्डू गोपाल को भी रोजाना पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल से स्‍नान करनाएं। इसके लिए शंख का इस्‍तेमाल करें क्योंकि उसमें देवी लक्ष्‍मी का वास होता है। स्नान करवाने के बाद उस पानी को तुलसी के पौधे में विसर्जित कर दें।

पुराने कपड़े ना पहनाएं

स्नान करवाने के बाद लड्डू गोपाल का साफ कपड़े पहनाएं लेकिन एक बाद उन्होंने जो वस्‍त्र पहना चुके हों वो उन्हें दोबारा न पहनाएं। अगर आप पुराने कपड़े पहनाना भी चाहते हैं तो उन्हें धोकर इस्तेमाल करें।

रोज करें श्रृंगार

लड्डू गोपाल का रोज श्रृंगार करें और चंदन का टीका लगाएं। इसके बाद फिर उनकी नजर भी उतारें। 

दिन में 4 बार लगाएं भोग

लड्डू गोपाल को रोजाना 4 बार भोग चढ़ाएं। आप माखन-मिश्री, लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद चढ़ा सकते हैं। भगवान श्रीकृष्‍ण को बेल और केला के फूल अर्पित करें क्योंकि यह उन्हें अति प्रिय हैं।

आरती करने का नियम

लड्डू गोपाल को जब-जब भोग लगाएं तब-तब उनकी आरती भी करें। साथ ही लड्डू गोपाल के पास श्री राधा रानी की प्रतिमा जरूर रखें। शास्त्रों के अनुसार, दिन में 4 बार श्रीकृष्ण की आरती करें।

ना करें इन चीजों का सेवन

जिस घर में लड्डू गोपाल हों, उन्हें प्‍याज, लहसुन और मांस नहीं पकाना चाहिए। अगर आप इन चीजों का सेवन करना नहीं छोड़ सकते तो श्रीकृष्ण का प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें।

घर पर अकेला ना छोड़े

अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो लड्डू गोपाल को घर में अकेला ना छोड़ें बल्कि उन्हें साथ लेकर जाएं। इसके अलावा भगवान लड्डू गोपाल के सोने के लिए भी खास आसन तैयार करें।

Content Writer

Anjali Rajput