हार्ट बाईपास सर्जरी क्‍या है? जानिए इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें

punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2019 - 10:09 AM (IST)

गलत खान-पान और एक्टिविटी की कमी के चलते भारतीय लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। यही नहीं, कुछ लोगों को हार्ट डिसीज के चलते हार्ट बाईपास सर्जरी करवाने तक की नौबत आ जाती है। हार्ट बाईपास सर्जरी तब की जाती है जब हृदय की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि बाइपास सर्जरी क्या है 

आपने हार्ट बाईपास सर्जरी के बारे में सुना होगा लेकिन यह क्या होती है, ये बहुत कम लोग जानते होंगे। चलिए आपको बताते हैं हार्ट बाइपास सर्जरी क्या है और इसे कैसे किया जाता है।

क्यों की जाती है हार्ट बाईपास सर्जरी?

जब दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में वसा जमा होने के कारण ब्लॉकेज हो जाती है, तब इन्हें हटाने के लिए बाईपास सर्जरी का सहारा लिया जाता है। ऐसा तभी किया जाता है जब कोई और इलाज कारगार नहीं होता।

हार्ट बाईपास सर्जरी की पूरी प्रक्रिया क्या है?

इस सर्जरी को करने में आमतौर पर 3 से 6 घंटे का समय लगता है, जिसमें सीने के बीच की हड्डी में चीरा लगाकर दिल के लिए रास्ता बनाकर उस ब्लॉकेज को हटाने की कोशिश की जाती है। इससे रक्तप्रवाह ठीक हो जाता है। सर्जरी के बाद मरीज को करीब 1 हफ्ते तक आईसीयू में रखा जा जाता है, जिस दौरान उनपर पूरी निगरानी रखी जाती है। हालांकि बाईपास सर्जरी कामयाब होना अलग-अलग केस पर निर्भर करता है।

4 तरह की होती है बाईपास सर्जरी

. सिंगल बाईपास
. डबल बाईपास 
. ट्रिपल बाईपास
. क्वाड्रोपल बाईपास 

सर्जरी से पहले पेशेंट रखें इन बातों का ध्यान

यह सर्जरी थोड़ी जोखिम भरी होती है इसलिए इससे पहले व बाद में मरीज को अपना खास ध्यान रखना पड़ता है। हालांकि डॉक्टर मरीज को पूरी जानकारी देते हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। सर्जरी से पहले मरीज का ईसीजी, रक्तचाप आदि भी चेक किया जाता है। इसके अलावा तनाव, अस्वस्थ खान-पान और ज्यादा फिजिकल एक्टीविटी ना करने की सलाह दी जाती है।

रिकवरी में कितना टाइम लगता है?

सर्जरी के बाद मरीज को 1 हफ्ता आईसीयू में रखा जाता है।अस्पताल से घर आने के बाद मरीज को रिकवर होने में कम से कम 6 से 12 हफ्ते का समय लग जाता है। साथ ही सबसे जरूरी है कि आप डॉक्‍टर की सलाह, फॉलो करें।

. सर्जरी के बाद हल्के फुल्के व्यायाम करने चाहिए।
. कम से कम 6 हफ्ते तक किसी भी भारी चीज को नहीं उठाना नहीं चाहिए।
. डाइट में ओमेगा3 और फाइबर युक्त आहार लें।
. तले-भुनी चीजों से परहेज करें।
. नशीले पदार्थों से हमेशा के लिए दूरी बनानी होती है।
. वजन को कंट्रोल में रखना पड़ता है।
. मरीज़ को जल्दी जल्दी नहीं चलना चाहिए।
. कम से कम चार हफ्तों तक ड्राइविंग न करें।

अगर सर्जरी के बाद सांस लेने में दिक्कत, सीने में तेज दर्द, टांके में सूजन या खून निकलने जैसी परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Content Writer

Anjali Rajput