रहस्‍यों से भरी जगन्‍नाथपुरी, जानिए आखिर क्‍यों सागर तट पर बंधें हैं हनुमान जी?

punjabkesari.in Monday, Jun 14, 2021 - 05:48 PM (IST)

हिंदू धर्म में चार-धाम की यात्रा का विशेष महत्व है। इनमें एक धाम जगन्‍नाथ पुरी है, जो भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी स्थापित है। जगन्नाथ का शाब्दिक अर्थ जगत का स्वामी है। इसलिए इनकी नगरी जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। वहीं यह मंदिर कई रहस्यों से भरा हुआ है। बात मंदिर की करें तो इसके लिए भगवान की अधूरी बनी लकड़ी की मूर्तियां है। इसके साथ ही मंद‍िर के ऊपर से क‍िसी भी व‍िमान या पक्षी का ना जाना एक बहुत बड़ा रहस्य है। ऐसे में हर कोई इन बातों से हैरानी में पड़ जाता है।

इसके अलावा मंदिर के आसपास भी कई रहस्य छिपे हैं। इनमें से एक रहस्य संकटमोचन हनुमान जी से जुड़ा है। माना जाता है कि यहां पर समुद्रतट पर भगवान जी ने स्वयं हनुमान जी को बांध दिया था। चलिए जानते हैं इस रहस्य के बारे में विस्तार से...

इस कारण रूठ गए थे भगवान 

माना जाता है कि भगवान जी के धरती पर रूप लेने पर देवी-देवता, नर-गंधर्व हर किसी की दर्शन करने की चाह होती है। ऐसा ही कुछ जगन्नाथजी की मूर्ति स्थापना होने पर हुआ था। कहते हैं भगवान के दर्शन करने के लिए जगन्नाथ पुरी के पास बहने वाले समुद्र भी इच्छा हुई। ऐसे में वे कई बार प्रभु दर्शन के लिए मंदिर में गए है। मगर इसतरह समुद्र का पानी अंदर जाने पर मंदिर को काफी नुकसान हुआ। साथ ही समुद्र देव ने ऐसा करीब 3 बार किया था। 

भगवान द्वारा बुलाए गए परम भक्त 

समुद्र का इसतरह मंदिर में बार-बार प्रवेश करने पर नुकसान झेलना पड़ा। वहीं इसके कारण भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं हो पाते थे। ऐसे में भक्तों ने भगवान जगन्‍नाथजी से प्रार्थना की। भक्तों के आग्रह पर  भगवान जगन्‍नाथजी ने संकटमोचन हनुमान जी को समुद्र पर काबू पाने के लिए नियुक्त किया। तब हनुमान जी ने अपने बल से समुद्र को बांध दिया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसलिए जगन्नाथ पुरी का समुद्र हमेशा शांत होता है। 

भगवान ने प्रिय भक्त को बांधा स्‍वर्ण बेड़ी से 

माना जाता है कि इस परिस्थिति में समुद्र ने अपनी चतुराई दिखाकर हनुमान जी से भगवान के दर्शनों की बात की। फिर उनकी बातों को सुनकर हनुमान जी मंदिर में दर्शन करने चले गए। ऐसे में उनके पीछे-पीछे सागर चलने लग पड़े। इसतरह जब भी हनुमान जी मंदिर जाते तो समुद्र भी उनके पीछे आ जाते थे। इसके कारण मंदिर को नुकसान होने लगा। तब भगवान जगन्नाथपुरी ने हनुमान जी को रोकने के लिए उन्हें स्वर्ण बेड़ी से बांध दिया। आपको बता दें, जगन्‍नाथपुरी में सागरतट पर ही बेड़ी हनुमानजी का प्राचीन मंदिर बना हुआ हैमाना जाता है कि इसी जगह पर भगवानजी ने हनुमान जी को बांधा था।

 


 

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neetu