इंदिरा एकादशी के दिन न खाएं चावल, जानिए व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त

punjabkesari.in Saturday, Sep 12, 2020 - 11:44 AM (IST)

पितर पक्ष के दिनों में आने वाली एकादशी की तिथि में इंदिरा एकादशी व्रत आता है। पितरों की आत्मा को शांति मिलने के लिए यह व्रत बहुत ही मायने रखना है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह व्रत आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष  एकादशी को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 13 सितंबर दिन को रखा जाएगा। मगर इस व्रत को रखने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करने की जरूरत होती है, तभी इसका पूरा फल मिल पाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इंदिरा एकादशी व्रत को रखने के खास नियम...

आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे व्रत का समापन अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को पारण मुहूर्त में किया जाता है। 

पूजा का शुभ मूहूर्त

एकादशी आरंभ: 13 सितंबर की सुबह 04:13 मिनट
एकादशी समाप्त: 14 सितंबर की सुबह 03:16 मिनट
पारण का समय: 14 सितंबर को दोपहर 12:59 से शाम 03:27 मिनट तक

इन नियमों का करें पालन...

 

चावल का सेवन न करें

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, एकादशी के शुभ दिन पर चावल खाने से परहेज रखना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चावल खाने से मनुष्य अगले जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में पैदा होता है। ऐसे में जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें कम से कम इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए

ब्रह्मचर्य व्रत का करें पालन

इस दिन कपल्स को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। साथ ही अपना पूरा ध्यान भगवान विष्णु जी की पूजा करने से लाभ मिलता है।

महिलाओं का अपमान न करें

घर की औरतें देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसे में उनका कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही एकादशी के दिन इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो जीवन में परेशानियां आने के साथ वैवाहिक जीवन जीवन में बाधा आने का कारण बनती है।

मांस- मदिरा के सेवन से बचें

इस शुभ दिन पर नॉनवेज खाने की गलती न करें। नहीं तो  में परेशानियां झेलनी पड़ सकती है।‌ हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से जीवन की परेशानियां हो खुशहाली है। मगर कहीं आप व्रत नहीं रख रहें हैं तो एकादशी के दिन मांस- मदिरा से दूरी बना सात्विक खाना चाहिए।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें

इस दिन भगवान विष्णु जी की कृपा पाने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ पढ़ने। अगर आप व्रत नहीं रख रहें हैं तो फिर भी इस दिन को प्रभु भक्ति में ध्यान लगाते हुए सात्विक रहें। बिना किसी से लड़ें, झूठ बोले सारा दिन भगवान विष्णु जी की आराधना करें। साथ ही ऐसा स्वभाव हमेशा के लिए रखें। 

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neetu