खेल रत्न पुरस्कार से हटा राजीव गांधी का नाम: अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा अवॉर्ड
punjabkesari.in Monday, Aug 09, 2021 - 09:45 AM (IST)

जापान की राजधानी टोक्यो में हुए ओलपिंक 2020 में जहां भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया वहीं भारत सरकार ने भी खेल को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया। दरअसल, मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है।सरकार ने इसे हॉकी के 'जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला लिया है।
इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए, लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है। उन्होंने कहा कि अब हॉकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है जो आने वाले समय के लिए सकारात्मक संकेत है। खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपए नकद पुरस्कार दिया जाता है।
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि, देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
जय हिंद!
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
इस वजह से मेजर ध्यानचंद को कहा जाता है हॉकी का 'जादूगर'
बता दें कि हॉकी के 'जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में बहुत बड़ा नाम है। उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे, इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, इस वजह से मेजर ध्यानचंद को हॉकी का 'जादूगर' कहा जाता है।
क्यों खास है मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन
जानकारी के लिए बता दें कि मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन यानि कि 29 अगस्त को भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसी दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न के अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं। इस अवॉर्ड की शुरुआत 1991-92 में की गई थी।
मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियां
मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों के बारे में बात करे तो बता दें कि लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में भारत को हॉकी का स्वर्ण पदक दिला कर उन्होंने देश गौरवान्वित किया।
टोक्यो ओलंपिक में पुरुष और महिला हॉकी टीम का ऐतिहासिक प्रदर्शन
वहीं इस बार टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष हॉकी टीम ने बहुत ही ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। पुरुष टीम जहां 41 साल बाद पदक जीतने में सफल रही तो महिला टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची। पुरुष टीम ने आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था, जिसके बाद टोक्यो ओलंपिक में टीम ने ब्रान्ज मेडल अपने नाम किया।