समय जरूर बदलता है! जिस ऑफिस में कभी लगाया झाड़ू, आज वहीं की अध्यक्ष बनीं आनंदवल्ली
punjabkesari.in Monday, Jan 04, 2021 - 01:32 PM (IST)
कहते हैं मेहनत से हर मुक्काम पाया जा सकता है। बस आप की सही सोच और आपमें कुछ पाने की लग्न हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती है। हालांकि, सफल होने के लिए बेशक आपको दिन रात इंतजार करना पड़े लेकिन जब आपको सफलता मिलती है तो उस वक्त वो एहसास ही अलग होता है। हाल ही में ऐसा ही हुआ केरल की ए. आनंदवल्ली के साथ।
जहां करती थी झाड़ू-पोछे का काम वहां की बनी अध्यक्ष
दरअसल हम जिस महिला की बात कर रहे हैं वह केरल की हैं और उनका नाम ए. आनंदवल्ली है। आनंदवल्ली आज उन सभी के लिए एक मिसाल है जो मेहनत से घबराते हैं और हर काम को छोटे और बड़े की नजर से देखते हैं। आनंदवल्ली जिस ऑफिस में कभी झाड़ू-पोछा का काम करती थीं आज वह वहां की ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष बनी हैं।
10 साल से ऑफिस में लगा रही झाड़ू-पोछा
आपको बता दें कि आनंदवल्ली केरल के कोल्लम जिले के पठानपुरम में ब्लॉक पंचायत के ऑफिस में पिछले 10 सालों से एक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के तौर काम कर रही थीं। आनंदवल्ली का काम था वहां की साफ सफाई करना, झाड़ू-पोछा लगाना और वहां आने वालों को चाय पानी देना।
अब बैठकों की अध्यक्षता करेंगी आनंदवल्ली
शायद आनंदवल्ली ने इस बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा कि वह जहां झाड़ू पोछा लगाती हैं एक दिन वह वहां की ही बैठकों की अध्यक्षता करेंगी लेकिन आनंदवल्ली ने अपनी कड़ी मेहनत से इस बात को सच किया। हमें भी आनंदवल्ली से प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए क्योंकि आज के समय में लोग चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द सफलता मिल जाए लेकिन कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है।
654 मतों के अंतर से जीत हासिल की
आपको बता दें कि ए. आनंदवल्ली ने केरल में CPIM के लिए संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने लड़े और 654 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें SC/ ST महिला के लिए आरक्षित इस पद के लिए चुना गया है। वह बीते बुधवार को ब्लॉक अध्यक्ष के पद पर आसीन हुई हैं।
कभी 2 हजार मिलती थी सैलरी
इतना ही नहीं कभी आनंदवल्ली को इस काम के लिए 2 हजार रूपए मिलते थे लेकिन इसके बाद उसकी सैलरी 6000 रुपये हुई लेकिन अब वह अपने इस नई जिम्मेदारी से बेहद खुश हैं।
आंसू नहीं रोक पाई
वहीं जब आनंदवल्ली को इस बारे में खबर मिली तो उन्होंने कहा , 'मेरी पार्टी ही ऐसा कर सकती है। मैं सच में इसकी ऋणी हूं। मैं जब ब्लॉक अध्यक्ष की सीट पर पहुंची तो अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रही थीं।'
सच में हम आनंदवल्ली की इस हिम्मत को सलाम करते हैं। वह आज सभी के लिए प्रेरणा हैं।