Karva Chauth पर 5 साल बाद बन रहा शुभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

punjabkesari.in Friday, Oct 22, 2021 - 03:10 PM (IST)

करवा चौथ में महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत की प्रार्थना करती है। इस बार यह व्रत रविवार 24 अक्टूबर 2021 को रखा जाएगा। एक बार फिर पांच साल बाद इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहे हैं। दरअसल, इस साल करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में होगी, जिससे महिलाओं को सूर्य देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को करती हैं उन्हें लंबे और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त

24 अक्टूबर, 2021 करवाचौथ की पूजा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि रविवार सुबह 3:01 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5ः43 मिनट तक रहेगी। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा। कुल मिलाकर पूजा की अवधि 01 घंटा 17 मिनट से 59 मिनट तक होगी।

कब निकलेगा चांद?

शुभ मुहूर्त में पूजा करने के बाद रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ें। चांद निकलने का समय करीब शाम 08 बजकर 08 मिनट है।

क्यों कहा जाता है करक चतुर्थी?

मां गौरी से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत करती हैं लेकिन इस दिन मां के पुत्र कार्तिक और गणेश जी की भी पूजा की जाती है इसलिए इस पर्व को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

करवा चौथ व्रत व पूजा विधि

. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद अपने घर की परंपरा के अनुसार सरगी में बनी चीजों का सेवन करें।
. मंदिर में दीप जलाकर भगवान गणेश की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
. शुभ मुहूर्त में देवी-देवताओं का चित्र स्थापित करें और पूजा व कथा का पाठ करें।
. चांद निकलने से पहले एक थाली में धूप-दीप, रोली, फूल, फल, मिठाई आदि रखकर करवा खेलें।
. अर्घ्य देने के लिए एक बर्तन में पानी भरकर मिट्टी के बर्तन में चावल भरकर उसमें कुछ पैसे दक्षिणा के रूप में रख दें।
. चन्द्रमा निकलने के बाद चन्द्र दर्शन कर पूजा करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें।
. पानी पीकर व्रत तोड़ें और अपने घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लें।

करवा खेलना का महत्व

करवा चौथ पर महिलाएं टोली बनाकर करवा भी खेलती हैं, जिसकी प्रथा सदियों से चली आ रही है। इस दौरान महिलाएं गोल घेरे में एक दूसरे को थाली बटाटे हुए घुमाती हैं और एक गीत गाती हैं। मान्यता है कि पूजा से पहले करवा खेलने से पति की उम्र बढ़ती है।

करवाचौथ थाली घुमाते हुए गाए ये गीत

करवा चौथ की कथा सुनने के बाद थाली घुमाते हुए ये गीत जरूरी गाना चाहिए...

वीरा कुड़िए करवड़ा, सर्व सुहागन करवड़ा,
ए कटी न अटेरीं न, खुंब चरखड़ा फेरीं ना,
ग्वांड पैर पाईं ना, सुई च धागा फेरीं ना,
रुठड़ा मनाईं ना, सुतड़ा जगाईं ना,
बहन प्यारी वीरां, चंद चढ़े ते पानी पीना,
लै वीरां कुडि़ए करवड़ा, लै सर्व सुहागिन करवड़ा।

थाली में जरूर हो ये चीजें

. करवा चौथ पूजा की थाली में छलनी, तांबे या स्टील का लोटे में पानी जरूर रखें। इसके अलावा उसमें आटे का दीपक, दीयाबाती, फल, फूल, सिंदूर, सुखे मेवे, शहद, चंदन, कच्चा दूध, शक्कर, घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुमकुम, चावल, कपूर या गेहूं और हल्दी रखना भी शुभ होता है।
. थाली में गाय के गोबर से बनी गौर और सिक्के भी रखना भी सुहागन स्त्रियों के लिए शुभ माना जाता है।
. जल का कलश, गोरी मां की मूर्ति बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, अठावरी (आठ पूरी और आठ पुए) रखना ना भूलें।
. पूजा के बाद पंडित जी को देने के लिए दक्षिणा या दान के लिए वस्तुएं भी होनी चाहिए।

Content Writer

Anjali Rajput