चांदी का गर्भगृह, ऑपरेशन सिंदूर की थीम... इस बार कान्हा की नगरी में जन्माष्टमी का दिखेगा अलग ही नजारा
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 03:58 PM (IST)

नारी डेस्क: भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा जन्माष्टमी (16 और 17 अगस्त) की मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की 5,252वीं जयंती मनाने के लिए भव्य और विस्तृत समारोहों की तैयारी कर रही है। यह समारोह कटरा केशवदेव स्थित श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में आयोजित किया जाएगा, जहां भागवत भवन में भगवान की दिव्य प्राकट्य लीला (प्रकट्य समारोह) का आयोजन किया जाएगा।
चांदी के सूप में रखे जाएंगे बांके बिहारी
श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि भगवान कृष्ण को चांदी से सुसज्जित गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा, जिसे 'सिंदूर' पुष्प महल के रूप में सजाया गया है। भगवान की चल विग्रह प्रतिमा को चांदी के सूप में रखकर स्नान स्थल पर ले जाया जाएगा। प्राकट्य (प्रकट्य) चांदी के कमल पुष्प के बीच होगा और परंपरा के अनुसार पहला अनुष्ठानिक स्नान सोने से मढ़ी चांदी की कामधेनु गाय की प्रतिमा को कराया जाएगा। भक्तों को जन्माभिषेक (जन्म अभिषेक) दर्शन के लिए सुबह 5.30 बजे से मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
इस वर्ष होगी 'सिंदूर बंगला' थीम
उत्सव की पूर्व संध्या (15 अगस्त) को शाम 6 बजे भगवान कृष्ण की भव्य पोशाक का एक विशेष "अर्पण और दर्शन" समारोह आयोजित किया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन ही, जन्मस्थान परिसर में श्री केशवदेव, श्री योगमाया, गर्भगृह और श्री राधा-कृष्ण युगल सरकार मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। शर्मा ने बताया कि इस वर्ष का 'सिंदूर बंगला' थीम भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है, जिसे उन्होंने आध्यात्मिक संकल्प, राष्ट्रहित, सैन्य वीरता और रणनीतिक कौशल का एक पवित्र संगम बताया।उन्होंने कहा कि विजय और सुरक्षा के प्रतीक भगवान कृष्ण के इस अनूठे रूप को देखकर भक्तों को गर्व और आध्यात्मिक आनंद की गहरी अनुभूति होगी।
रात 11 बजे शुरू होगा जन्माभिषेक
मुख्य जन्माभिषेक कार्यक्रम शनिवार रात 11 बजे भगवान गणेश और नवग्रह की पूजा के साथ शुरू होगा, जो रात 11.55 बजे तक सहस्त्रार्चन (फूलों और तुलसी के पत्तों का 1,000 गुना अर्पण) के साथ जारी रहेगा। रात 11.59 बजे, अंतिम तैयारियों के लिए गर्भगृह के द्वार बंद कर दिए जाएंगे। प्राकट्य दर्शन का क्षण मध्यरात्रि आरती के साथ 12 से 12.10 बजे के बीच होगा। इसके बाद 12.10 से 12.25 बजे तक पयोधर महाभिषेक और 12.25 से 12.40 बजे तक रजत कमल जन्माभिषेक होगा।
ये है श्रृंगार आरती का समय
श्रृंगार आरती 12.45 से 12.50 बजे तक और अंतिम शयन आरती 1.55 से 2 बजे तक होगी। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर परिसर को विस्तृत सजावट और प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजा कंस की कारागार को दर्शाने वाले गर्भगृह को 221 किलो चांदी से सजाया गया है ताकि इसे एक विशिष्ट और आकर्षक रूप दिया जा सके।