इंदिरा पर भड़की कंगना रनौत, बोलीं- ''ऐसी ही औरतों की कोख से जन्म लेते है दहशी दरिंदे''

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 04:37 PM (IST)

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहती है। एक बार भी कंगना अपने इन्हीं बयानों को लेकर सुर्खियों में छा गई। इस बार कंगना का गुस्सा किसी एक्टर या एक्ट्रेस पर नहीं बल्कि निर्भया गैंगरेप और मर्डर के दोषियों पर फूटा है। दरअसल, हाल ही में कंगना अपनी अपकमिंग फिल्म पंगा की प्रमोशन के लिए पहुंची जहां उनसे निर्भया केस को लेकर सवाल पूछा गया और कंगना ने भी बड़ी बेबाकी से इसका जवाब दिया।

 

उन्होंने कहा कि निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों को चुपचाप नहीं, बल्कि सरेआम चौराहे पर फांसी दी जाना चाहिए क्योंकि इससे आपराधियों के मन में डर बैठेगा और सबक मिलेगा। उन्होंने आगे दुख जाहिर करते हुए कहा, यह बहुत दुखद है। सोचिए निर्भया के माता-पिता पर क्या गुजर रही होगी? आखिर वे गरीब लोग कब तक हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट करते रहेंगे? यह कैसा समाज है? इन दोषियों को तो भरे चौहारे पर फांसी देना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने इस दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जहसिंह पर भी निशाना साध लिया। उन्होंने बड़े ही गुस्से वाले मिजाज में कहा कि 'इंदिरा जयसिंह जैसी औरतों की कोख से ऐसे दरिंदे पैदा होते हैं। ऐसी औरतों को दरिंदो के साथ 4 दिन जेल में रखना चाहिए।

 

दरअसल, इंदिरा जयसिंह ने कुछ दिन पहले ही निर्भया की मां आशा देवी से अपील की थी कि उन्हें सोनिया गांधी की तरह ही दोषियों को माफ कर देना चाहिए। हालांकि, निर्भया की मां ने इंदिरा जयसिंह के इस बयान पर नाराजगी जाहिर की और उनपर पलटवार किया। मगर कंगना के इस बयान ने निर्भया की मां आशा देवी की उस मांग को बल दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चारों दोषियों को एक फरवरी को एक साथ फांसी दी जाना चाहिए। निर्भया की मां का कहना है कि वे 7 साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक अदालतों में जो कुछ हुआ है, उससे तो उन्हें लगता रहा है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है।

बता दें कि इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी की फांसी की तारीख तय की थी, लेकिन मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण आदेश का पालन नहीं हो सका। हालांकि, तिहाड़ जेल में तैयारियां पूरी कर ली गई है, लेकिन कोर्ट में एक के बाद एक याचिकाएं दायर होने के कारण फांसी नहीं दी गई। अब इस तारीफ को बढ़ाकर एक फरवरी कर दिया गया है। 

 

Content Writer

Sunita Rajput