''उन्हें भी बोलने का अधिकार'', कंगना के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने की मांग पर बोली बॉम्बे हाई कोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 10:52 AM (IST)

कंगना अपने बेबाक बयानों की वजह से हमेशा से सुर्खियों में रही हैं। उन पर ट्विटर हैंडल द्वारा सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप भी लग चुका है। इसी संबंध में एक्ट्रेस का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने की भी मांग की गई थी। जिस पर अब हाई कोर्ट ने अपनी राय पेश की है और एक्ट्रेस के लिए एक राहत भरी खबर सुना दी है। दरअसल इस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट 21 दिसंबर को अपनी बात रखी।

हाई कोर्ट ने कहा  कंगना को अपने विचार व्यक्त करने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। उन्हें अपनी बात रखने का और विचार पेश करने का पूरा अधिकार है। वह अपनी बात खुलकर रख सकती हैं। इतना ही नहीं  कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि क्या वह साबित कर सकते हैं कि कंगना के ट्वीटस से उनके मौलिक अधिकार को क्षति हुई है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा- उन्हें मानसिक क्षति हुई है।  

देशमुख ने कहा- 'मैं एक महाराष्ट्रियन, मुंबईकर हूं और वह अदालत पप्पू सेना को बुलाती है। इससे मुझे पीड़ा होती है और यह एक व्यक्तिगत चोट है। उन्होंने कंगना पर समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा- फ्री स्पीच और हेट स्पीच में अंतर होता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मेरी याचिका में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि कंगना के ट्वीट्स ने कितनी बार मेरी निजी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। '

दरअसल  बॉम्बे हाइकोर्ट में कंगना रनौत के खिलाफ एक आपराधिक याचिका डाली गई थी। यह याचिका मुंबई के वकील अली काशिफ खान देशमुख द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि कंगना का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया जाए। शिकायत में लिखा गया था कि कंगना ने अदालत के लिए 'पप्पू सेना' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी भावनाओं को काफी ठेस पहुंची। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंगना का ट्वीट दो समुदायों के बीच दुश्मनी और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा था।

आपको बता दें कि इस याचिका पर सुनवाई हुई लेकिन कोई निपटारा नहीं किया गया और बॉम्बे हाई कोर्ट ने वकील अली काशिफ खान देशमुख से करहा कि वह  नए सिरे से इस पर बहस करें। अब अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

Content Writer

Janvi Bithal