कल से Mumbai की सड़कों पर नहीं दिखेगी काली-पीली टैक्सी, 60 साल बाद इसलिए खत्म हुआ सफर

punjabkesari.in Sunday, Oct 29, 2023 - 06:29 PM (IST)

'प्रीमियर पद्मिनी' या काली- पीली टैक्सी से काफी लंबे समय से मुंबई नगरी की शान रही है का आज मायानगरी की सड़कों पर आखिरी दिन है। 60 साल से लगातार लोगों को सेवा दे रही काली- पीली टैक्स अब सड़कों पर देखने को नहीं मिलेगी। आइए आपको बताते हैं इसकी वजह.....

इस वजह से बंद हो रही काली- पीली टैक्सी

परिवहन विभाग के मुताबिक इन टैक्सियों का रजिस्ट्रेशन ताड़देव आरटीओ में होता है। आखिरी बार प्रीमियर  पद्मिनी का रजिस्ट्रेशन 29 अक्टूबर 2003 को हुआ था। अब मुंबई में टैक्सियों के लिए आयु सीमा 20 साल निर्धारत होती है। इसी वजह से सोमवार को 20 साल पूरे होने के बाद से काली- पीली टैक्सी सड़कों पर नजर नहीं आएगी।

टैक्सी यूनियन लगा चुकी है अर्जी

कुछ साल पहले शहर के सबसे बड़े टैक्सी चालक संघ में शुमार मुंबई टैक्सीमेन यूनियन ने सरकार से कम से कम एक काली- पीली टैक्सी को संरक्षित करने के लिए याचिक दायर की थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। प्रीमियर पद्मिनी से पहले मुंबई की जानी- मानी डबल डेकर बसें भी बंद हो गई थीं। अब टैक्सी के बंद होने से बहुत से लोगों ने दुख जताया है। 

ऐसा था मुंबई में काली- पीली टैक्सी का सफर

काली- पीली टैक्सी का सफर साल 1964 में शुरु हुआ था। उस वक्त कार का मॉडल फिएट- 1100 डिलाइट हुआ करता था और यह कार 1200 सीसी की थी। इसमें स्टीयरिंग के साथ ही गेयर लगा होता था। महारानी पद्मिनी के नाम पर टैक्सी का नाम रखा गया। वहीं साल 2001 में इसकी मैन्युफैक्चरिंग बंद कर दी गई, वहीं सरकार ने साल 2008 में इन टैक्सियों की लाइफ 25 साल निर्धारित की, जिसे बाद में घटाकर 2013 में 20 साल कर दिया गया। इस कार का इंजन छोटा होता है, इस वजह से इसका मेंटिनेंस भी आसान होता है। इस वजह से लोगों में ज्यादा लोकप्रिय थी। हालांकि मॉर्डन समय में ऑनलाइन कैब की वजह से इसकी मांग कम होती गई। कल से ये काली- पीली टैक्सी सड़कों से गायब हो जाएगी।

Content Editor

Charanjeet Kaur