जंकफूड करता है बच्चों के दांत खराब, पेरेंट्स जान लें इसके नुकसान

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2024 - 10:24 AM (IST)

नारी डेस्क: भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बड़ों से लेकर बच्चों में फास्टफूड या जंकफूड के सेवन का चलन बढ़ा है। ज्यादातर बच्चे पिज्जा, बर्गर, मैगी, चाऊमीन और कोल्ड्रिंग्स जैसे फास्ट फूट खाना-पीना ज्यादा पसंद करते हैं। इन खाद्य पदार्थों का बच्चों के स्वास्थ्य और खास तौर पर उनके दांतों पर बुरा असर पड़ता है। आइए आपको बताएं, बच्चों के दांतों की देखभाल के लिए एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं-

बचपन से ही ध्यान देना जरूरी

बच्चे के शुगर और साल्ट के इनटेक पर बचपन से ही ध्यान देना जरूरी है। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो एक साल में राजधानी के तीन बड़े सरकारी अस्पताल एम्स, जेपी और हमीदिया में पांच साल तक के दस हजार से अधिक बच्चे ऐसे पहुंचे हैं जिनकी बीमारी का कारण चीनी नमक है।

PunjabKesari

टाइप-1 डायबिटीज के पांच हजार केस

ओपीडी में आने वाले 14 साल से कम उम्र के बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के पांच हजार केस हैं और हर साल इस तरह के करीब सौ नए डायबिटीज केस बढ़ रहे हैं। बच्चों में सबसे ज्यादा टाइप-1 डायबिटीज हो रही है जबकि वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज बढ़ रही है।

टाइप-1 डायबिटीज का रिस्क बढ़ा

शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो लगातार चीनी खाने से ब्लड शुगर मैनेजमेंट प्रभावित होता है और इससे बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। वहीं नमक और ज्यादा मीठा बच्चों की किडनी, आंखों और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर रहा है।

ज्यादा चीनी और नमक खाने से आंखों-पाचन पर असर

कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट के नोडल अधिकारी डा. अजय शर्मा नग बताया कि 4 से 6 साल के बच्चों को एक दिन में 19 ग्राम से ज्यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। अगर बच्चा इससे ज्यादा चीनी या नमक खाता है तो उसकी आंखें खराब हो सकती हैं और किडनी पर भी असर पड़ता है। ज्यादा चीनी या नमक वाला फूड खाने से बच्चे को डाइजेशन, हाइपरटेंशन और अस्थमा की समस्याएं होने लगती हैं।

PunjabKesari

'नेकेड कैलोरी' होती है

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश टिक्कस का कहना है कि सफेद चीनी में 'नेकेड कैलोरी' होती है। इससे एनर्जी तो मिल जाती है लेकिन पोषण नहीं मिलता। बच्चों के लिए इसका बेहतर विकल्प गुड़ या ब्राउन शुगर हो सकते हैं जिनमें एंटी आक्सिडेंट गुण और पोषक तत्व होते हैं।

ज्यादा नहीं दें गुड़

गुड़ में क्रोमियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और जिंक जैसे खनिज होते हैं। जबकि ब्राउन शुगर में क्लोरीन, आयरन, पोटेशियम और सोडियम होता है। लेकिन ये भी बच्चे को एक साल से पहले और जरूरत से ज्यादा नहीं दिए जाने चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Manpreet Kaur

Related News

static